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विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर मांगे सड़कों के हालात को लेकर सुझाव, लोगों ने गिनाई विभाग की कमियां - Vikramaditya on road condition

Vikramaditya Singh Social media post: लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह की सोशल मीडिया पर सड़कों को लेकर की गई पोस्ट पर यूजर्स ने जमकर अपनी प्रतिक्रिया दी. इस दौरान लोगों ने विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों को जमकर लताड़ लगाई. डिटेल में पढ़ें खबर...

विक्रमादित्य सिंह, लोक निर्माण विभाग मंत्री
विक्रमादित्य सिंह, लोक निर्माण विभाग मंत्री (सोशल मीडिया)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 12, 2024, 11:00 PM IST

शिमला: हिमाचल में पिछले मानसून सीजन में मिले गहरे जख्म अभी भरे भी नहीं थे कि इस बार फिर से बरसात ने तबाही मचा दी है. इस बार मानसून सीजन में बादल फटने से नदी-नालों में आई भीषण बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाओं की वजह से सबसे अधिक नुकसान सड़कों को पहुंचा है.

प्रदेश भर में हो रही भारी बारिश से सड़कें जगह-जगह से टूट गई हैं जिसकी गवाही फील्ड से रोजाना प्राप्त हो रही रिपोर्ट दे रही है. विभिन्न विभागों की ओर से सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक बरसात में अब तक एक हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है जिसमें अकेले लोक निर्माण विभाग को हुए नुकसान का आंकड़ा 436.65 करोड़ रुपये पहुंच गया है.

ऐसे में लोक निर्माण मंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है जिसमें लिखा "हम जल्द हिमाचल की सबसे खस्ता सड़कों का मौके पर निरीक्षण करने जा रहे हैं आप बताएं कौन से क्षेत्र में आएं" सोशल मीडिया पर की गई इस पोस्ट पर लोगों ने शिकायतों की झड़ी लगा दी.

लोगों की शिकायत, हमारे क्षेत्र की सड़कों की सुध लो

प्रदेशभर से लोगों ने मंत्री विक्रमादित्य सिंह के सोशल मीडिया पोस्ट पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी. एक यूजर ने तलेहन से डवारु सड़क का निरीक्षण करने का आग्रह किया. वहीं, एक अन्य यूजर ने धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी से तलेहन सड़क के बारे में लिखा. वहीं, एक यूजर ने लिखा भरमौर सबसे पहले आएं भाई साहब, सड़कों के बुरे हाल हैं.

लोगों ने ठेकेदारों की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

लोगों ने इस दौरान लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों पर ही सवाल उठाए हैं. "एक यूजर ने लिखा "हमारे गांव में सड़क पर पिछले साल नुकसान हुआ था लेकिन अभी तक डंगा नहीं लग पाया है. लोक निर्माण विभाग गहरी नींद में सोया है. ठेकेदार का काम नहीं देखा जा रहा. ऐसे निकम्मे ठेकेदारों का लाइसेंस रद्द होना चाहिए. शर्म की बात तो यह है कि डंगा ठेकेदार को सैंक्शन हो गया है, इसके बावजूद एक साल बीत जाने के बाद भी डंगा नहीं लग पाया है"

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