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'दिवालियापन की हद, निरस्त कानून को नवमी अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव'- तेजस्वी यादव पर विजय चौधरी का तंज - reservation in Bihar - RESERVATION IN BIHAR

Vijay Chaudhary बिहार में आरक्षण पर बवाल मचा हुआ है. पहले भी आरक्षण चुनाव में बड़ा मुद्दा बनता रहा है, इसलिए सभी दल फूंक फूंक कर कदम बढ़ा रहे हैं. बिहार में 65% आरक्षण कानून पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाये जाने के बाद इसे संविधान की नवमी अनुसूची में डालने को लेकर सियासत चल रही है. इस मुद्दे पर आज जदयू कोटे के मंत्री विजय चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए तेजस्वी यादव पर निशाना साधा. पढ़ें, विस्तार से.

विजय कुमार चौधरी
विजय कुमार चौधरी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 4, 2024, 7:17 PM IST

विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री. (ETV Bharat)

पटना: बिहार में 65% आरक्षण को लेकर सियासत थम नहीं रहा है. तेजस्वी यादव इस कानून को केंद्र सरकार से संविधान की 9 वीं अनुसूची में डालने के लिए दबाव बना रहे हैं. 15 अगस्त के बाद प्रदेश की यात्रा पर निकलने वाले हैं. इससे जदयू में भगदड़ है. मंत्री विजय चौधरी ने तेजस्वी यादव पर 65% आरक्षण को लेकर निशाना साधा है. विजय चौधरी ने कहा कि जातीय गणना एनडीए की सरकार में हुई थी. उस समय आरजेडी सरकार में थी भी नहीं.

" श्रेय लेने की होड़ में दिवालियापन की हद है. हाईकोर्ट ने जिस कानून को निरस्त कर दिया है, उसी को नवमी अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजने की बात कही जा रही है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो फैसला लिया गया है, जनता उसे देख रही है और उसी से परेशान हैं."- विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री

श्रेय लेने की होड़: जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि जातीय गणना का श्रेय लेने की होड़ में तेजस्वी बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जातीय गणना कराने का फैसला एनडीए की सरकार में लिया गया था. जातीय गणना के बाद जब कानून लागू हुआ तो उसी समय मुख्यमंत्री ने नवमी अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया था. पटना हाई कोर्ट से कानून निरस्त होने के बाद हम लोग तुरंत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट से यदि फैसला पक्ष में नहीं आया तो हम लोग विकल्प पर भी विचार करेंगे.

तमिलनाडु की स्थिति बिहार से अलगः विजय चौधरी ने कहा कि तमिलनाडु का उदाहरण दिया जाता है. लेकिन तमिलनाडु और बिहार की स्थिति पूरी तरह से अलग है. तमिलनाडु में लंबे समय से आरक्षण दिया जा रहा था. सुप्रीम कोर्ट के 50% आरक्षण के फैसले के बाद एक लंबी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे कानून में शामिल किया गया. विजय कुमार चौधरी ने एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि सबकास्ट और क्रीमी लेयर को लेकर जो कहा गया है बिहार में वह काम पहले हो चुका है.

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