विदिशा। विदिशा में लाखों इंसानों और अनगिनत पशु पक्षियों को जीवन देने वाली बेतवा आज मरणासन्न स्थिति में है. शहर के लगभग आधा दर्जन गंदे नालों के मल जल और औद्योगिक संस्थानों के केमिकल्स से बेतवा अपवित्र और जहरीली हो गई है. इससे अनेक धार्मिक और सामाजिक संगठनों के अलावा आम जनता में भी आक्रोश है और यह आक्रोश उग्र आंदोलन में भी बदल सकता है. दरअसल ईटीवी भारत ने प्रदुषित होती बेतवा नदी पर खबर दिखाई थी. जिसका असर भी देखने को मिल रहा है. देखना यह है कि पिछले 50 वर्षों से प्रदूषण की मार झेल रही बेतवा नदी इस बार मुक्त होती है अथवा नहीं?
बेतवा के संरक्षण के लिए कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
बेतवा नदी के प्रदूषण की वजह से कोई उग्र आंदोलन ना हो और जल्दी बेतवा को प्रदूषण मुक्त किया जाए, इस चिंता को लेकर कई संगठन एक हो गए हैं. लोक चेतना मंच, चिंतामणि आध्यात्म मंडल, सनातन हिंदू उत्सव, समिति और भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति ने संयुक्त रूप से एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंप कर जल्द ही बेतवा को स्थाई रूप से प्रदूषण मुक्त करने की पुरजोर मांग की है. कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य बेतवा की गंभीर स्थिति से पूरी तरह परिचित हैंं फिर भी उन्होंने धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों से पूरी शिद्दत के साथ चर्चा की और जल्द ही शासन प्रशासन और जनता के सहयोग से बेतवा को स्थाई रूप से प्रदूषण मुक्त किए जाने की कार्य योजना को बनाने और अंजाम देने का भरोसा दिलाया.
खबर ने जिम्मेदार लोगों को दिखाया आईना
ईटीवी भारत ने विदिशा की प्रदूषित होती बेतवा नदी को लेकर एक स्पेशल स्टोरी चलाई थी. जिसका असर भी देखने को मिला है. विदिशा शहर के लोक चेतना मंच के अध्यक्ष बृजेंद्र पांडे ने कहा कि ''इस खबर को देखकर मुझे दुख हुआ चिंता हुई और आक्रोशन भी पैदा हुआ. दुख इसलिए कि यह पुण्य सलिला बेतवा नदी गंदगी से भरी हुई है. शहर के नागरिक नदी का पानी पीकर बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं. इस खबर ने जिम्मेदार लोगों को आईना दिखाया है.''
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