बिहार

bihar

ETV Bharat / state

सावन में अनोखा है VTR का नजारा, साथ मिलकर नाचते दिखे मोर-मोरनी - Peacock Dance In VTR

VALMIKI TIGER RESERVE: सावन माह में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से मोर का नाचते हुए बेहद खूबसूरत तस्वीर और वीडियो सामने आई है. माना जाता है कि मोर अपनी मोरनी को लुभाने के लिए अपने पंख फैला लेता है और कुहुक कुहूक कर नाचता है. सावन माह में मोर, सांप और कनखजूरा को देखना काफी शुभ होता है. पढ़ें पूरी खबर विस्तार से.

Video Of Peacock Dance
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से मोर का नृत्य (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 11, 2024, 1:17 PM IST

Updated : Aug 11, 2024, 3:23 PM IST

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से मोर का नृत्य (ETV Bharat)

बगहा:भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर को शास्त्रों में दिव्य पक्षी का दर्जा दिया गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह महादेव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय का वाहन है. साथ ही मोर का पंख भगवान श्री कृष्ण के मुकुट को भी सुशोभित करता है. मोर का संबंध देवी लक्ष्मी से भी माना जाता है, इसलिए सावन में मोर का दिखना सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है.

कैसे ये आपके दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलेगा: सावन के महीने में मोर देखने का मतलब है कि आने वाले समय में आपके दुखों का अंत होने वाला है, या आपके घर में पैसा आने वाला है. पंडित हरेकृष्ण मिश्रा बताते हैं की सावन में मोर, सांप और कनखजूरा को देखना काफी शुभ होता है. खासकर मोर दिख जाए तो व्यक्ति का दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल सकता है. यहीं वजह है कि सावन माह में घरों के वास्तु दोष समेत कई अन्य दोषों के निवारण के लिए मोर पंख के उपाय किए जाते हैं.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में खूबसूरत नजारा (ETV Bharat)

वीटीआर में नाचता दिखा मोर: सावन का महीना चल रहा है ऐसे में इसी बीच वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोवर्धना रेंज से मोर का नाचते और कुहुकते हुए एक बेहद खूबसूरत वीडियो और तस्वीर सामने आई है. वन्य जीव जंतु विशेषज्ञ वी डी संजू बताते हैं कि बारिश के मौसम में अमूमन मोर का मन बदलता है और उसका पंख फैलाकर नाचना बारिश को आमंत्रण देने समेत मोरनी को लुभाने का एक प्रयास होता है.

भारत ही नहीं इन देशों का भी है राष्ट्रीय पक्षी: वी डी संजू बताते हैं कि मोर का धार्मिक महत्व तो है ही, यह भारत के अलावा श्रीलंका और म्यांमार का भी राष्ट्रीय पक्षी है. इसका भारत में राष्ट्रीयकरण 26 जनवरी 1963 को किया गया था. जबकि चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल में सिक्के के दोनों तरफ मयूर की तस्वीर थी. वहीं मुगल काल में शाहजहां जिस आसन पर बैठते थे उसके दोनों तरफ मोर बने हुए थे जिसे 'तख्ते ताउस' कहा जाता था, क्योंकि अरबी भाषा में 'ताउस' का मतलब मोर होता है.

वीटीआर में मोर का डांस (ETV Bharat)

"पूर्व के पौराणिक काल की बात करें तो भगवान श्रीकृष्ण अपने मुकुट पर मोर पंख लगाते थे, लिहाजा मोर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत ज्यादा है. इतना ही नहीं कालीदास ने अपने महाकाव्य 'मेघदूत' में मोर का वर्णन राष्ट्रीय पक्षी से कई ज्यादा बढ़कर किया है."-वी.डी संजू, वन्य जीवों के जानकार

कितने साल जीवित रहता है मोर:वाल्मीकि वसुधा के संचालक व वन्य जीव जंतुओं के जानकार वी डी आगे बताते हैं कि एक मोर का औसतन जीवन काल 15 वर्षों का होता है और यह कीट मकोड़े समेत सांपों को खाता है. इसके बारे में एक भ्रांति है कि इसके आंसू या लार से मोरनी गर्भवती हो जाती है. यह सब मिथक है, सच्चाई तो यह है की प्रत्येक जीव जंतुओं की तरह मोर और मोरनी भी प्रणय लीला करते हैं, जिसके बाद मोरनी अंडे देती है और उन अंडों से बच्चों का जन्म होता है.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (ETV Bharat)

ये भी पढ़ें-

बगहा वाल्मीकि टाईगर रिजर्व में पर्यटकों को भागता दिखा टाइगर, रोमांच के साथ कुछ पल के लिए थम गई सांसें - Valmiki Tiger Reserve

'शिकारी' को फंसाने के लिए बिछाया गया जाल, VTR से निकला बाघ पहुंचा बेतिया - VTR TIGER IN RESIDENTIAL AREA

Last Updated : Aug 11, 2024, 3:23 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details