चित्रकूट:यूपी के चित्रकूट मेंदिव्यांग विश्वविद्यालय में हो रहे आधुनिक जीवन में ऋषि परंपरा कार्यक्रम में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप घनखड़ पहुंचे. इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वामी रामभद्राचार्य के पैर छूकर आशीर्वाद लिया, साथ ही उपराष्ट्रपति ने दिव्यांग विवि में संगोष्ठी का उद्घाटन भी किया.
मध्य प्रदेश अंतर्गत चित्रकूट क्षेत्र में राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने उपराष्ट्रपति सम्मानित किया. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी, श्रम मंत्री अनिल राजभर, राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे.
उपराष्ट्रपति जगदीप घनखड़ ने कहा कि ऋषि परंपरा का मूल मंत्र ही है कि हम वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत पर विश्वास करते हैं. पूरे विश्व ने भारत का लोहा माना जब जी 20 में हमारा मोटो था, वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर. दुनिया में जब भी लोगों ने अशांति महसूस की, अंधकार दिखा तो उनका रुख भारत की ओर हुआ. ऋषि परंचपार की वजह से ही भारत जल, थल आकाश और अंतरिक्ष में बहुत बड़ी छलांग लगा रहा है. प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि किसी भी समस्या का समाधान विचारविमर्श से ही संभव है.
उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य की स्मृति की सराहना की. बताया कि वह पहली बार जगद्गुरु से अपनी पत्नी के साथ मिले थे. जगद्गुरु ने एक माइक्रोसेकेंड भी नहीं लगाया और पत्नी का नाम बता दिया.
उन्होंने कहा कि ऋषि परंपरा राष्ट्रप्रेम में राजनीति की इजाजत नहीं देती. ऋषि मुनियों के मुंह से निकला वाक्य निर्णायक रहा है. इसी वजह से ही हमारी सांस्कृतिक परंपरा पांच हजार साल से जीवित और जीवंत है.