शिमला: पहाड़ों में गाड़ी ड्राइव करते समय अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत होती है. यहां घुमावदार और तंग सड़कें बदलते मौसम के साथ और भी खतरनाक हो जाती हैं. इन दिनों उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में जमकर बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी में नए साल का जश्न मनाने के लिए पर्यटक पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. ऐसे में पहाड़ों पर बर्फबारी के समय वाहन चलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है अन्यथा यहां बड़ा हादसा होने में देरी नहीं लगती.
हिमाचल में बीते कुछ दिनों में बर्फबारी के बाद सड़क पर पड़ी बर्फ में कई वाहनों के स्किड होने के वीडियो सामने आए हैं. ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. इन्हीं में से एक शिमला के नारकंडा से सामने आया है. यहां एक HRTC बस बर्फबारी में मोड़ पर मुड़ नहीं पाई और सड़क के बाहर निकल गई. ऐसे में बस सड़क किनारे पार्क हुई पिकअप के साथ जा टकराई जिसके बाद बस रुक पाई. अगर सड़क किनारे पिकअप खड़ी नहीं होती तो बड़ा हादसा हो सकता था.
वहीं, मनाली के सोलंगनाला में बीते दिन शुक्रवार रात को एक वीडियो सामने आया है. यहां एक छोटा हाथी बर्फ पर फिसलते हुए लुढ़क कर सड़क से नीचे गिर गया. वाहन को अनियंत्रित होता देखकर ड्राइवर ने पहले ही गाड़ी से छलांग लगा दी और किसी तरह अपनी जान बचाई.
आखिर बर्फ पर क्यों स्किड होती हैं गाड़ियां?
टैक्सी यूनियन कुल्लू के चेयरमैन कविंद्र ठाकुर ने बताया "बर्फ पर गाड़ियों के स्किड होने का कारण टायर का ना घूमना है. बर्फ में फिसलन होने के कारण टायर स्किड होता है और ब्रेक लगाने पर यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है. ब्रेक लगाने पर टायर जाम हो जाता है. ऐसे में बर्फबारी के समय सड़क पर गाड़ी चलाते समय अचानक ब्रेक लगाने से बचना चाहिए."
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ब्लैक आइस भी बड़ा खतरा