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बीजेपी के गढ़ में पीएम को घेरने की तैयारी, गठबंधन शक्ति प्रदर्शन से करेगा पलटवार - INDIA alliance varanasi planning

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ वाराणसी को INDI गठबंधन घेरने की तैयारी कर रहा है. विपक्ष अब वाराणसी में जनसभाएं आयोजित करेगा. आने वाले दिनों में अखिलेश यादव और राहुल गांधी वाराणसी में रोड-शो कर सकते हैं.

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अखिलेश और राहुल गांधी वाराणसी रोड शो (Etv Bharat reporter)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 21, 2024, 11:18 AM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में नामांकन करने से पहले मेगा रोड-शो किया था. इस दौरान उन्होंने लंका गेट से गोदौलिया तक रोड-शो कर बनारस की नब्ज टटोलने के साथ ही शक्ति प्रदर्शन किया था. उनके रोड-शो में जनता टूट पड़ी थी. अब इसी रोड-शो की काट खोजने विपक्ष पूर्वांचल की धरती पर आने वाला है. INDI गठबंधन के नेता पूर्वांचल में चल रही नरेंद्र मोदी की हवा को रोकने की कोशिश करेंगे. इसको लेकर विपक्ष के तमाम नेता वाराणसी में जनसभाएं करने वाले हैं. विपक्ष मोदी के गढ़ में उनको घेरने की तैयारी कर रहा है.

वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण लोकसभा चुनाव में सबसे हॉट सीट में से एक माना जाता है. इस सीट से लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उन्होंने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. नामांकन से पहले उन्होंने वाराणसी में मेगा रोड-शो किया था. इस दौरान वाराणसी की जनता ने भी उनका भव्य स्वागत किया था. अब इसी माहौल को तोड़ने के लिए विपक्ष यानी INDI गठबंधन वाराणसी में जनसभाएं आयोजित करेगा. 25 मई से पूर्वांचल की धरती पर विपक्ष के नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो जाएगा.

25 से 29 तारीख तक राजनीतिक गर्मी का माहौल:कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों की माने, तो उनका कहना है कि मई की 25 तारीख से 29 तारीख तक पूर्वांचल में राजनीतिक गर्मी का माहौल बना रहेगा. सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता पूर्वांचल का रुख करेंगे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती के साथ ही साथ कई राजनीतिक दिग्गजों के चुनावी कार्यक्रम होने वाले हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी भी पूर्वांचल में राजनीतिक सभाएं कर सकती हैं. वहीं, इनसे अलग बसपा सुप्रीमो मायावती 19 मई को घोसी और 21 मई को जौनपुर में जनसभा को संबोधित करेंगी. बसपा प्रत्याशी डॉ. उमेश सिंह के पक्ष में मायावती की जनसभा 28 मई को प्रस्तावित है.

अखिलेश और राहुल गांधी कर सकते हैं रोड-शो:राजनीतिक विश्लेषक रवि प्रकाश पांडेय कहते हैं, सबसे पहले बात करते हैं अखिलेश यादव और राहुल गांधी की. इस बार इन दोनों नेताओं की जोड़ी फिर से उत्तर प्रदेश में घूमकर चुनाव प्रचार कर रही है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद ये लोकसभा चुनाव में साथ दिखे हैं. ऐसे में इस बार कितना असर होगा ये नहीं कहा जा सकता, लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम बताते हैं कि इन दोनों की जोड़ी कुछ कमाल नहीं कर सकी थी. हालांकि 25 मई के बाद किसी भी तारीख को अखिलेश और राहुल गांधी वाराणसी में रोड-शो कर सकते हैं. वे यहां से गठबंधन के उम्मीदवार अजय राय के लिए माहौल बनाने का काम करेंगे.

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अखिलेश के भरोसे वोटर्स को साधने की कोशिश:बता दें कि 25 मई से 29 मई तक अंतिम चरण के चुनाव को लेकर पूर्वांचल में माहौल गरम रहेगा. एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जनसभाओं का मोर्चा अकेले संभाले हुए हैं, तो दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन उन्हें उनके ही गढ़ में घेरने की तैयारी में लगा है. वाराणसी में पिछले दिनों राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकालकर इसकी शुरुआत कर दी थी, जो अब अंतिम चरण के चुनाव में जाकर खत्म होगी. अखिलेश यादव के साथ उनकी जनसभा ओबीसी वोटर्स के साथ ही मुस्लिम वोटर्स को भी अपने खेमे में लाने का काम करेगी. अखिलेश यादव यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी के लिए वोट मागेंगे.

पीएम मोदी के मेगा रोड-शो का पलटवार:राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं, पीएम मोदी के मेगा रोड-शो के पलटवार में विपक्षी गठबंधन अपना शक्ति प्रदर्शन करने की कोशिश करेगा. इसके लिए वाराणसी में संयुक्त रूप से जनसभा या रोड शो निकालने का प्लान बन सकता है. इस बार सपा के साथ गठबंधन में मायावती नहीं हैं. ऐसे में कांग्रेस से अधिक समाजवादी पार्टी के समर्थकों का जमावड़ा लगने की उम्मीद है. लेकिन, एक साथ एक स्थान पर अखिलेश, राहुल के साथ ही मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी और केजरीवाल को भी साथ लाया जा सकता है. बीते दिनों लखनऊ में आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने अखिलेश यादव से मुलाकात की थी.

साल 2019 में इन सीटों पर भाजपा को मिली हार:साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव बसपा प्रमुख मायावती के साथ थे. ऐसे में पूर्वांचल में आने वाली 6 लोकसभा सीटों में से भाजपा 3 ही जीत सकी थी. आजमगढ़ उपचुनाव के बाद 4 सीटों पर भाजपा का कब्जा है, जबकि 2 सीटें बसपा के पास हैं. 2019 में आजमगढ़, लालगंज, घोसी, गाजीपुर, जौनपुर, श्वावस्ती और अंबेडकरनगर सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. अब इन सीटों को जीतने के लिए भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मोर्चा संभाला हुआ है. वे लगातार पूर्वांचल के दौरे पर रहने वाले हैं. साथ ही विपक्ष भी इस बार कड़ी टक्कर देने की कोशिश में है.

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