वाराणसी: बनारस में मार्च में एक नई योजना की शुरुआत वाराणसी नगर निगम ने की थी. इसमें बनारस के सभी घरों के बाहर क्यूआर कोड लगाए जाने का प्लान लॉन्च किया गया था. इसके फर्स्ट फेज में भेलूपुर एरिया को चुना गया और उसके बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना की लॉन्चिंग लगभग 3 महीने पहले की थी. प्लानिंग थी बनारस के हर घर तक इस क्यूआर कोड को पहुंचाने की, ताकि घर बैठे पब्लिक को हाउस टैक्स वॉटर टैक्स सीवर टैक्स और अन्य 28 तरह के टैक्स और लाइसेंस फीस भरने के लिए नगर निगम कार्यालय के चक्कर न काटने पड़े, लेकिन पूरा साल बीत गया और सीएम योगी के हाथों लॉन्च हुए भी इस योजना को 3 महीने का वक्त हो गया, लेकिन अब तक ना यह काम पूरा हुआ ना ही घर-घर तक इस योजना का लाभ पहुंचा.
2.25 लाख घरों के लिए है ये योजनाःदरअसल इस योजना के लिए वाराणसी नगर निगम ने एक बैंक के साथ मिलकर सीएसआर फंड के जरिए वाराणसी के लगभग 225000 घरों के लिए क्यूआर कोड योजना लॉन्च की थी. इस योजना के जरिए वाराणसी नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सभी घरों के बाहर ऐसे कोड लगाए जा रहे थे. इनको स्कैन करते ही भवन स्वामी का नाम घर का पता और उससे संबंधित बकाया की धनराशि चाहे वह हाउस टैक्स में हो वॉटर टैक्स में या फिर किसी अन्य नगर निगम के टैक्स या लाइसेंस फीस के मद में वह ऑटोमेटिक शो करने लगती है.
नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी ने दी यह जानकारी. (video credit: etv bharat) सबसे पहले इस इलाके के घरों में लगने थे क्यूआर कोडः इस योजना के तहत भेलूपुर के पहले 53000 घरों को कनेक्ट करके सभी पर यह क्यूआर कोड लगाया जाने का प्लान तैयार हुआ था, लेकिन खेल यहीं पर हुआ. 53000 घरों से महज 7000 घरों तक ही इस योजना के लाभ को पहुंचाया गया और कागजों में सभी घरों पर काम पूरा दिखाते हुए एक ही कोड को कई जगह पर शो कर दिया गया. इसकी जानकारी होने के बाद हड़कंप मचा और जानकारी होने के बाद कई अधिकारियों का वेतन रुका और कुछ को सस्पेंड भी किया गया, लेकिन इसे लेकर मामला शांत नहीं हुआ एक दिन पहले ही वाराणसी नगर निगम के मिनी सदन की बैठक में जमकर हंगामा हुआ. पार्षदों ने इसे पूरे योजना पर ही सवाल खड़े किए इसके बाद मेयर अशोक तिवारी ने भी इस पूरे प्रकरण की जांच का आदेश दिया.
अधिकारी क्या बोलेःवाराणसी नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में नगर आयुक्त के निर्देश पर कार्रवाई हुई है. महापौर ने मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटित हुए इस योजना को गंभीरता से लेकर पूरा करने के निर्देश दिए हैं अभी तक 225000 घरों में से एक लाख से ज्यादा घरों तक इस योजना को पहुंचाया गया और लगातार काम किया जा रहा है. 31 दिसंबर की डेडलाइन तय कर दी गई है और इस बार देरी न हो इसके लिए अलग से टीम भी लगाई गई है. उन्होंने बताया कि इस योजना का फायदा वाराणसी नगर निगम सीमा में रहने वाले हर घर के नागरिकों को होगा जिन्होंने भी अपना पीला कार्ड जारी करवाया है, हाउस टैक्स उन्हें मिला है, उनको एक अलग से कोड जारी हो रहा है. यह क्यूआर कोड स्कैन करने के साथ ही आपकी पूरी डिटेल शो करेगा और सीधे आपको वाराणसी नगर निगम की वेबसाइट से कनेक्ट कर देगा. इसके बाद आप अपना हाउस टैक्स वॉटर टैक्स सीवर टैक्स और अन्य कमर्शियल लाइसेंस से जुड़े 28 तरह के भुगतान भी कर सकते हैं.
जनता क्या बोलीः हालांकि इस बारे में पब्लिक का कहना है कि उन्हें इस योजना का लाभ अभी नहीं मिल रहा है. हां जिन इलाकों में है यह क्यूआर कोड पहुंचा है वहां के लोगों को इसके उसे की जानकारी नहीं है. इसे लेकर ट्रेनिंग की तैयारी की जा रही है, लेकिन अभी उन इलाकों के लोगों को तो क्यूआर कोड योजना के बारे में पता ही नहीं है. जहां आसपास इसका कोई अता-पता ही नहीं है. अब भी बनारस में लाखों की संख्या में घर है जहां पर इस योजना का लाभ पब्लिक को नहीं मिल रहा है और वह अनजान है.
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