वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन वाराणसी में कई कार्यक्रम में शामिल हुए. सबसे पहले उन्होंने स्वर्वेद मंदिर शताब्दी समारोह में पहुंचे. जहां मुख्यमंत्री ने 25 हजार कुंडीय महायज्ञ में भी शिरकत की. उसके बाद सीएम पहुंचे पिंडरा के नेशनल इंटर कॉलेज मैदान, जहां योगी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना कार्यक्रम में शिरकत किए और 401 नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को चौबेपुर के उमरहा स्थित स्वर्वेद मंदिर के शताब्दी वर्ष समारोह के संत समागम में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने 25 हजार कुंडीय महायज्ञ में भी शिरकत की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब देश सुरक्षित होगा, तब धर्म सुरक्षित रहेगा, जब धर्म सुरक्षित होगा तभी हम और आप सुरक्षित रहेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की धारा पर बलिया के एक छोटे से गांव में 1888 में सद्गुरु सदाफल जी महाराज का अवतरण हुआ था. 1924 में उन्होंने विहंगम योग संत समाज की स्थापना की थी. यह दुर्लभ संयोग है जब हम शताब्दी महोत्सव से जुड़ रहे हैं, तो हम लोग भी इस कार्यक्रम के साक्षी हैं. संत की साधना और उनकी योग साधना का प्रसाद हम सभी को मिल रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सदाफल महाराज ने आजादी की लड़ाई में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया.
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते हैं कि हर काम देश के नाम होना चाहिए. हमारा व्यक्तिगत कोई अस्तित्व नहीं है, हमारा देश सुरक्षित है, हमारा धर्म भी सुरक्षित रहेगा. हमारा देश अगर सुरक्षित है हमारा धर्म भी सुरक्षित है तो हम भी सुरक्षित रहेंगे. इसलिए जो भी काम हो व्यक्तिगत स्वार्थ से और व्यक्ति, समाज से ऊपर उठकर होने चाहिए. मत और मजहब के दायरे से ऊपर उठकर होने चाहिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की नैतिक और आध्यात्मिक परंपरा का अनुसरण करते हुए हर काम देश के नाम होना चाहिए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अकेले चुपचाप नहीं बैठ जाना है, एक काम पूरा हो तो अगले काम की शुरुआत करनी है, लेकिन हर काम देश के नाम होना चाहिए. वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र होने के नाते बहुत बदल गई है. काशी का कायाकल्प हो गया है. प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ प्रारंभ होने वाला है. प्रयागराज महाकुंभ को भी मानवता के मूल सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दिला दी है. 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर में रामलला विराजमान हो चुके हैं.