जयपुर. शहर के प्रसिद्ध प्राचीन खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर में जयपुर के पहले रोपवे की शुरुआत होने से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है. यहां पहाड़ी की चोटी पर प्राचीन वैष्णो देवी माता का मंदिर भी है. रोपवे बनने से श्रद्धालुओं के लिए यहां पहुंचना आसान हो गया. पहले सीढ़ियां चढ़कर जाने में 45 मिनट का समय लगता था, लेकिन अब रोपवे की के जरिए श्रद्धालु और पर्यटक सिर्फ 5 मिनट में वैष्णो माता के दरबार में पहुंच रहे हैं. रोपवे की सुविधा मिलने से माता के दरबार में श्रद्धालुओं की आवक बढ़ने लगी है. मान्यता है कि जो लोग जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी के दर्शन करने नहीं पहुंच पाते, वे इस प्राचीन वैष्णो देवी के मंदिर में धोक लगाने के लिए पहुंचते हैं. अभी गुप्त नवरात्रों में दिनभर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.
खोले के हनुमान मंदिर परिसर में पहाड़ी पर स्थित प्राचीन वैष्णो देवी माता मंदिर में जाने के लिए गत वर्ष सितंबर में राज्यपाल कलराज मिश्र ने रोपवे का शुभारंभ किया था. रोपवे की सुविधा शुरू होने के बाद वैष्णो देवी माता के मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं. पहले पहाड़ी पर सीढ़ियों के रास्ते से चढ़ने में करीब 45 मिनट का समय लगता था, जिससे बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगों को चढ़ने में काफी मुश्किल होती थी. अब रोपवे में बैठकर श्रद्धालु केवल 5 मिनट में माता के दरबार में पहुंच जाते हैं. यह रोप वे खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर स्थित अन्नपूर्णा माता मंदिर से प्राचीन वैष्णो देवी माता मंदिर तक के लिए बना हुआ है और जयपुर का पहला रोपवे है.
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रोपवे कंपनी के सीईओ कैलाश खंडेलवाल ने बताया कि पहले महिला, बुजुर्ग, दिव्यांग और बच्चों को माता वैष्णो देवी के दर्शन करने में काफी मुश्किल होती थी. दिव्यांग, बुजुर्ग और बच्चे पहाड़ी पर नहीं पहुंच पाते थे. अब सभी श्रद्धालु रोपवे से केवल 5 मिनट में माता वैष्णो देवी के मंदिर में पहुंच जाते हैं. रोपवे में बैठकर पहाड़ियों के ऊपर चारों तरफ विहंगम दृश्य देखने को मिलता है. रोपवे का संचालन सुबह 8:00 से लेकर रात 8:00 तक होता है. रोजाना 800 से 1000 लोग रोपवे की यात्रा करते हैं. करीब 9 महीने से रोपवे का संचालन हो रहा है. अब तक करीब 2 लाख से ज्यादा लोग रोपवे की यात्रा कर चुके हैं.
वृद्धजनों और दिव्यांगजनों को 50% की छूट: रोपवे का किराया प्रति व्यक्ति 173 रुपए है. 70 वर्ष से ऊपर के वृद्धजनों और दिव्यांगों को 50 प्रतिशत छूट दी जाती है. रोपवे की सुविधा शुरू होने से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है.