देहरादूनःउत्तराखंड में वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के पांच कैंपस कॉलेज हैं. साथ ही कई प्राइवेट कॉलेज भी ऐसे भी हैं जो उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी से एफिलिएशन प्राप्त कर इंजीनियरिंग कॉलेज संचालन कर रहे हैं. अभी तक इन इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों की अटेंडेंस और परीक्षा के दौरान नकल को लेकर कई शिकायतें मिलती थी. लेकिन अब उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम (UMS) लागू कर सभी गतिविधियों को ऑनलाइन कर दिया गया है. ऐसे में यूनिवर्सिटी उन कॉलेजों और ऐसे छात्रों की छटनी कर रहा है जो लगातार लापरवाही बरत रहे हैं.
परीक्षा देने से रोके गए 844 छात्र:उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर ओंकार सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि, विश्वविद्यालय द्वारा 20 मई से परीक्षाएं शुरू करवाई गई. विश्वविद्यालय द्वारा पारदर्शी परीक्षा कराने के लिए सभी कड़े कदम उठाए गए हैं. प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी, फ्लाइंग स्क्वाड और ऑब्जर्वर तैनात किए गए. लेकिन इसके बावजूद भी रुड़की के कॉलेज में लगातार अनियमितता पाई गई. जिसके मद्देनजर वहां ऑब्जर्वर को हटाया गया है.
वहीं कई कॉलेजों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाए गए. उन्होंने बताया कि पिछले लंबे समय से देखा जा रहा है कि कई कॉलेजों में नॉन अटेंडिंग क्लास की गलत परिपाटी चली आ रही है. जिसे रोकने के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम लाया गया. इस सिस्टम के माध्यम से इस बार 844 बच्चों को परीक्षा देने से रोका गया है.