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स्वच्छ भारत मिशन के 'क्लीन टॉयलेट चैलेंज' में उत्तराखंड को तीसरा स्थान, जानें क्या रहे मानक - SWACHH BHARAT MISSION

सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता के लिए चलाए गए चैलेंज में प्रदेश को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ. पहला गुजरात और दूसरा स्थान ओडिशा को मिला है.

Swachh Bharat Mission
क्लीन टॉयलेट चैलेंज- 2023 (Uttarakhand DIPR)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 20, 2024, 6:56 PM IST

Updated : Nov 20, 2024, 7:01 PM IST

देहरादून: भारत सरकार देशभर में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत मिशन संचालित कर रही है. इसके तहत सार्वजनिक शौचालयों के रख-रखाव और स्वच्छता के लिए केंद्र सरकार की ओर से 'क्लीन टॉयलेट चैलेंज- 2023' का आयोजन किया गया था. उत्तराखंड राज्य को देश के सभी राज्यों के बीच क्लीन टॉयलेट चैलेंज में तीसरा स्थान मिला है.

केंद्रीय आवासन और शहरी विकास मंत्रालय के तहत चल रहे स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की ओर से देशभर में सार्वजनिक शौचालयों की संख्या बढ़ाने के साथ ही सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता पर भी जोर दिया जा रहा है. इसके तहत सार्वजनिक शौचालयों को चालू हालत में रखने, इन तक लोगों के पहुंच को आसान बनाने के साथ ही साफ सफाई और सुरक्षा पर फोकस किया जा रहा है.

इसी क्रम ने पिछले साल स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की ओर से क्लीन टॉयलेट चैलेंज- 2023 प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसमें तमाम राज्यों से प्राप्त आवेदनों के बाद उत्तराखंड को 100 से अधिक निकायों वाले राज्यों की सूची में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है.

इस सूची में गुजरात को पहला स्थान और ओडिशा दूसरे स्थान पर रहा. सर्वे में शामिल उत्तराखंड के लगभग 40 फीसदी पब्लिक टॉयलेट स्वच्छता और सुरक्षा के मानकों पर खरे उतरे हैं. उत्तराखंड में कुल 2553 सार्वजनिक शौचालय सीट हैं, जो ज्यादातर शहरी निकाय, यात्रा मार्ग, तीर्थस्थलों, पर्यटन स्थलों पर बनाए गए हैं.

सचिव शहरी विकास नितेश झा के अनुसार सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता के लिए सभी निकायों को निर्देश दिए गए हैं, साथ ही सार्वजनिक शौचालयों की संख्या भी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.

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Last Updated : Nov 20, 2024, 7:01 PM IST

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