उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

भगवान राम के उत्तराखंड कनेक्शन को पाठ्यक्रम में किया जाएगा शामिल, तैयारी शुरू - उत्तराखंड से राम का नाता

Shri Ram will be included in the curriculum of Uttarakhand अयोध्या में रामलला विराजमान होने के बाद पूरे देश में खुशी की लहर है. इसी बीच उत्तराखंड सरकार भगवान राम के उत्तराखंड नाते को पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रही है. इस कार्य का उद्देश्य नई पीढ़ी को भगवान राम की मान्यताओं और पौराणिक कथाओं से अवगत कराना है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 24, 2024, 4:13 PM IST

देहरादून:अयोध्या में भगवान राम अपने मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं. इसके बाद से कई राज्यों में भगवान राम से जुड़े रोचक किस्से और कहानियां लोगों तक पहुंच रही हैं. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने भगवान राम के उत्तराखंड कनेक्शन को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. बहुत जल्द 12वीं तक के छात्र-छात्राएं भगवान राम से जुड़ी मान्यताओं और पौराणिक कथाओं को पढ़ेंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कई बड़ी महान विभूतियों से जुड़े किस्से और कहानियों को भी छात्र-छात्राओं तक पहुंचाया जा रहा है.

पाठ्यक्रम के जरिए बच्चे पढ़ेंगे भगवान राम की कथा:डीजी शिक्षा विभाग बंशीधर तिवारी ने बताया कि राज्य में 18 से अधिक ऐसी जगह हैं, जहां पर सीधे तौर पर भगवान राम से उनका ताल्लुक है. हम यही चाहते हैं कि हमारी धार्मिक मान्यता, आस्था और भगवान राम का उत्तराखंड के प्रति किस तरह का नाता रहा है, इसकी जानकारी भी छात्रों तक पहुंचायी जाए. इसी कड़ी में हम हमारी विरासत को पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भगवान राम से जुड़ी पौराणिक कथाओं और मंदिरों की जानकारी शिक्षा विभाग एकत्रित कर रहा है.

उत्तराखंड के 4 जिलों में हैं भगवान राम के पौराणिक मंदिर:बंशीधर तिवारी ने बताया कि भगवान श्री राम न केवल भारत के बल्कि देश-विदेश के हिंदुओं के मन में बसते हैं. इसलिए हम नई पीढ़ी को उत्तराखंड का गौरवशाली इतिहास तो पढ़ा ही रहे थे, अब धार्मिक संस्कृति और भगवान राम की विरासत से जुड़ी जानकारियां भी स्कूलों में पढ़ाएंगे. उत्तराखंड के ऋषिकेश, देवप्रयाग, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में भगवान राम के पौराणिक मंदिर स्थित हैं. राज्य सरकार चाहती है कि वह साल 2025 में इस कार्य को करके एक नई शुरुआत करे.

ये भी पढ़ें:राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन काशीपुर में 'राम-सीता' ने लिया जन्म, परिजनों ने किया स्वागत

हरिद्वार में श्री राम ने पूर्वजों का किया था श्राद्ध: उत्तराखंड की पाठ्य पुस्तक में न केवल धार्मिक मान्यता, आस्था और मंदिरों की जानकारी होगी, बल्कि उत्तराखंड की महान विभूतियों, सैन्य अधिकारियों, पर्यावरण और साहित्यकारों से जुड़ी जानकारियों को भी शामिल किया जाएगा. बता दें कि भगवान राम त्रेता युग में अपने पूर्वजों के श्राद्ध के लिए हरिद्वार आए थे.

ये भी पढ़ें:22 जनवरी को शुभ घड़ी में 'राम-सीता' ने लिया जन्म, प्राण प्रतिष्ठा के विशेष मुहूर्त में कई घरों में गूंजी किलकारी

ABOUT THE AUTHOR

...view details