देहरादून/लक्सर: गन्ना किसानों के लिए अच्छी खबर है. उत्तराखंड सरकार ने यूपी की तर्ज पर गन्ने का समर्थन मूल्य 20 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया है. हालांकि सरकार के इस फैसले से गन्ना किसान कुछ ज्यादा खुश नजर नहीं आ रहे है. क्योंकि गन्ना किसानों की मांग थी कि गन्ने का समर्थन मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल किया जाएगा.
बीस रुपए की बढ़ोत्तरी के बाद उत्तराखंड में गन्ने का समर्थन मूल्य अगेती प्रजाति के लिए 375 रुपए प्रति कुंतल हो गया है, वहीं सामान्य प्रजाति के लिए 365 रुपए प्रति कुंतल हो गया है, लेकिन किसान सरकार ने 400 रुपए प्रति कुंतल करने की मांग कर रहे थे. ऐसे में पेराई सत्र 2023-24 के दौरान गन्ना किसानों को बढ़े हुए समर्थन मूल्य का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा.
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उत्तराखंड में बीते दो सालों से गन्ने का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ा था. इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने 2022 के विधानसभा चुनाव में गन्ने की एमएसपी बढ़ाई थी, वहीं अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड की धामी सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य 20 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया है.
इसके साथ ही पिछले पेराई सत्र 2022-23 की तरह ही पेराई सत्र 2023-24 के लिए भी गन्ना विकास अंशदान यानी कमीशन की दर 5.50 रुपए प्रति कुन्तल निर्धारित की गई है. इसके अलावा गन्ना विकास समिति के कर्मचारियों के वेतन समेत अन्य देयकों के भुगतान के लिए 136.48 लाख की आर्थिक सहायता राज्य सरकार की ओर से दिये जाने का निर्णय लिया गया है.
वहीं, गन्ना विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने के लिए पिछली कैबिनेट में भी प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन उसमे कुछ कमियां होने के चलते प्रस्ताव पास नहीं हो पाया था, जिसके बाद बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. गन्ना विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि सरकार की कोशिश है कि गन्ना किसानों को अधिक से अधिक सुविधाएं दी जा सके, शुगर मील अच्छी चले और शुगर मील में सुधार हो सके.
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लक्सर में किसानों का धरना खत्म: बीते 36 दिनों से गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने की मांग को लेकर लक्सर में भारतीय किसान संघ के बैनर तले धरने पर बैठे किसानों ने आज अपना धरना खत्म कर दिया है. हालांकि सरकार के इस फैसले से किसान खुश नहीं है. उन्होंने इसे नाकाफी बताया है. किसानों का कहना कि उन्होंने गन्ने के समर्थन मूल्य 400 रुपए प्रति कुंतल किए जाने की मांग की थी. उनका प्रतिनिधिमंडल देहरादून जाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात करेगा और सीएम धामी से मांग करेगा कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर किसानों का बिजली बिली भी माफ किया जाएगा.