लखनऊ:उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार अनेक योजनाएं चला रही है. पशुपालकों को प्रोत्साहित कर रही है. यही वजह है कि दूध के उत्पादन में यूपी ने देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ रखा है. बेसिक एनिमल हसबेंडरी स्टैटिक्स 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार देश में दूध का कुल उत्पादन 239.30 मिलियन टन है.
इसमें उत्तर प्रदेश का योगदान करीब 16 फीसदी है. ये देश में सबसे ज्यादा है. उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब का नंबर आता है. इस तरह दूध के उत्पादन में यूपी की बादशाहत देश भर में बरकरार है.
राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए नंद बाबा और गोकुल पुरस्कार से सम्मानित करती है. पिछले दिनों नस्ल सुधार के जरिए उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑस्ट्रेलिया सरकार ने प्रदेश सरकार से सहयोग की इच्छा जताई थी. सरकार नस्ल सुधारने के लिए सेक्स शॉर्टेज तकनीक (इसमें सिर्फ बछिया होने की संभावना 90 फीसदी से अधिक होती है) का प्रयोग कर रही है.
गोरखपुर में खुलने वाले राजकीय पशु चिकित्सा महाविद्यालय भी नस्ल सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. दूध का उत्पादन और प्रति व्यक्ति प्रति ग्राम दूध की उपलब्धता बढ़ने से लोगों की सेहत सुधरेगी. यह लगातार बढ़ भी रही है. 2021 में प्रति व्यक्ति प्रति ग्राम दूध की उपलब्धता 321 ग्राम थी. 2024 में यह बढ़कर 471 ग्राम हो गई. दूध के उत्पादन की सालाना वृद्धि दर 3.78% है. इसमें उत्तर प्रदेश का योगदान भी सबसे ज्यादा है.
मुख्यमंत्री ने दिये हैं ये निर्देश:डेयरी सेक्टर में सहकारिता से चमत्कार संभव है. दुनिया का सबसे मजबूत ब्रांड अमूल इसकी मिसाल है, इसलिए सरकार का खासा फोकस है. हाल ही में मुख्यमंत्री के समक्ष प्रादेशिक कॉआपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) का प्रेजेंटेशन हुआ था. इसमें उन्होंने निर्देश दिये गये थे कि दुग्ध संघों में हर स्तर पर जवाबदेही तय करते हुए काम के टारगेट तय किये जाएं.