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कजरी को नए मुकाम पर ले जाने वाली अजिता श्रीवास्तव का निधन, मिर्जापुर को दिलाया था पहला पद्मश्री, आज होगा अंतिम संस्कार - Ajita Srivastava passed away

मिर्जापुर की मशहूर कजरी गायिका अजिता श्रीवास्तव ने शनिवार की शाम को दुनिया को अलविदा कह दिया. वह जीवनभर लोक विधा कजरी के संरक्षण और इसे आगे बढ़ाने का काम करती रहीं. उन्होंने कई उपलब्धियां भी हासिल कीं. विदेश में भी जिले का नाम रोशन किया.

नहीं रहीं कजरी गायिका अजिता श्रीवास्तव.
नहीं रहीं कजरी गायिका अजिता श्रीवास्तव. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 18, 2024, 9:11 AM IST

Updated : Aug 18, 2024, 9:24 AM IST

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आवास पर पहुंच जताया शोक. (Video Credit; ETV Bharat)

मिर्जापुर : प्रसिद्ध कजरी गायिका पद्मश्री अजिता श्रीवास्तव का निधन हो गया. उन्होंने जिले को पहला पद्मश्री दिलाया था. अपने खास गायन से उन्होंने देश से अलावा विदेश में भी जिले का नाम रोशन किया. उनके निधन से पूरे जिले में शोक की लहर है. गीत-संगीत जगत की कई हस्तियों ने अफसोस जाहिर किया है. आज चौबे घाट पर उनके शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा. आवास विकास स्थित उनके घर पर परिजनों को सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है.

लोकगीत कजरी गायिका अजिता श्रीवास्तव ने शनिवार की शाम 5:55 बजे आवास विकास स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. वह कई महीनों से कैंसर से जूझ रहीं थीं. वाराणसी में जन्मी और बीएचयू से एमए, बीएड (संगीत) करने के बाद अजिता की शादी मिर्जापुर के नरायनपुर ब्लाक के फरहदां गांव के रहने वाले रासबिहारी लाल के साथ हुई. इसके बाद अजिता मिर्जापुर आवास विकास में रहने लगीं. यहीं से आर्यकन्या पाठशाला में टीचर की नौकरी मिल गई. संगीत के शौक के नाते अजिता ने 1977 में टीचर के पेशे के साथ कजरी गायन की भी शुरुआत की.

रिटायर होने के बावजूद देती रहीं योगदान :वह आर्यकन्या इंटर कॉलेज में अध्यापिता थीं. साल 2017 में वह रिटायर हो गईं थीं. वह समाज के लिए भी अपना योगदान देती रहीं. सामाजिक कार्यों के प्रति उनका काफी रुझान था. कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने पीएम आपदा राहत कोष में भी अपना सहयोग दिया था. कई बार वह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन करा चुकी थीं. वह अपने घर पर ही लोगों को कजरी सिखाती थीं.

साल 2022 में मिला था पद्मश्री :अजिता श्रीवास्तव अपनी मधुर आवाज और गायन शैली से लोकगीत कजरी को नए मुकाम तक ले गईं. आकाशवाणी, दूरदर्शन, पर्यटन विभाग, आईसीसीआर, सूचना विभाग के सहयोग से उन्होंने इस विधा को नई पहचान दिलाई. लोक विधा कजरी गायन को उन्होंने न केवल सहेजा बल्कि बड़ी उपलब्धि हासिल की है. संस्कार भारती का अध्यक्ष रहने के दौरान उनके सराहनीय योगदान के लिए उन्हें साल 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्मश्री पुरस्कार मिला था. इससे पहले जिले में किसी को यह पुरस्कार नहीं मिला था.

मिल चुके हैं कई पुरस्कार :इससे पूर्व साल 2021 में उन्हें विश्व हिंदी शोध संवर्धन पुरस्कार से भी नवाजा गया था. इसके अलावा उन्हें उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, कजली कोकिला पुरस्कार, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार, काशी आनंद सम्मान, हरित उत्तर प्रदेश, स्वच्छ उत्तर प्रदेश विशिष्ट सम्मान, कजली कार्यशाला मुख्य प्रशिक्षक पुरस्कार आदि पुरस्कार भी मिल चुके हैं.

पद्मश्री उर्मिला श्रीवास्तव, लोकगायकडॉ. मन्नू यादव आदि ने उनके निधन पर अफसोस जाहिर किया है. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी अजिता श्रीवास्तव के घर पहुंचकर पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अजिता ने जिले का नाम रोशन किया. मिर्जापुर जनपद और अपना दल एस भाजपा की ओर से मैं उन्हें श्रद्धांजलि उन्हें अर्पित करती हूं. यह पूरे कला जगत और मिर्जापुर के लिए एक अपूर्णीय क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे. परिवार को इस अपार दुख को सहन करने शक्ति दे.

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Last Updated : Aug 18, 2024, 9:24 AM IST

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