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चारधाम यात्रा को लेकर आपदा प्रबंधन अलर्ट, अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने किया मंथन - CHARDHAM YATRA 2024 - CHARDHAM YATRA 2024

Chardham Yatra 2024 देहरादून में आज टेबल टॉप एक्सरसाइज और मॉक एक्सरसाइज को लेकर ओरिएंटेशन और को-आर्डिनेशन कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें पुलिस प्रशासन समेत 200 से अधिक अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इसी बीच एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन को लेकर जरूरी निर्देश दिए.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 23, 2024, 10:50 PM IST

देहरादून: चारधाम यात्रा को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDM) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) ने तमाम विभागों की तैयारियों को पुख्ता करने और यात्रा के सुगम संचालन को लेकर कवायद तेज कर दी है. इसी क्रम में प्रस्तावित टेबल टॉप एक्सरसाइज और मॉक एक्सरसाइज को लेकर ओरिएंटेशन और को-आर्डिनेशन कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें यात्रा मार्ग स्थित जिलों के जिलाधिकारी, आर्मी, आईटीबीपी के साथ-साथ 28 विभागों के 200 से अधिक अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

मेजर जनरल सुधीर बहल ने कहा कि यात्रा के सफल संचालन में आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, भारतीय सेना, आईटीबीपी, पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, लोक निर्माण विभाग, जीएमवीएन, वन, पर्यटन और सूचना एवं लोक संपर्क विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में सभी विभागों के बीच बेहतर सामंजस्य हो, इसी उद्देश्य से 30 अप्रैल को टेबल टॉप एक्सरसाइज और 2 मई को मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया जा रहा है.

सुधीर बहल ने कहा कि यह एक्सरसाइज यात्रा मार्ग के सभी जिलों में होगी. खराब मौसम, बाढ़, भूस्खलन, भूकंप, अग्निकांड, हिमस्खलन, बर्फबारी, भारी वर्षा, हेलीकॉप्टर, रोड एक्सीडेंट और भगदड़ आदि आपदाओं के दौरान विभिन्न विभाग राहत और बचाव के कार्य करेंगे. इसकी तैयारी को मॉक एक्सरसाइज कर परखा जाएगा और अगर कहीं कोई तकनीकी या अन्य दिक्कत आएगी, तो उसका तुरंत समाधान किया जाएगा, ताकि यात्रा के दौरान कहीं किसी भी स्तर पर कोई कमी न रह जाए.

मेजर जनरल सुधीर बहल ने कहा कि इस एक्सरसाइज से यह जानना और समझना आसान हो जाएगा कि विभिन्न स्तरों पर सर्च एंड रेस्क्यू का प्रबंधन, स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति, आर्मी और पुलिस बल की तैनाती, मौसम की निगरानी व चेतावनी, रिलीफ कैंपों की स्थिति, राहत और बचाव कार्य, भीड़ व ट्रैफिक प्रबंधन, संचार साधनों की वास्तविक स्थिति और विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय कैसा है. उन्होंने किसी भी आपातकालीन स्थिति में आईआरएस (इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम) की भूमिका के बारे में बताया और सभी विभागों को संसाधनों की मैपिंग करने के लिए भी कहा.

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