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अब रास्ते में खड़ी नहीं होगी यूपी रोडवेज की बसें; परिवहन निगम के MD ने बनाया मास्टर प्लान - UP Roadways - UP ROADWAYS

पिछले कई महीनों से UPSRTC की तरफ से रिवॉल्विंग फंड जारी न किए जाने से बसों की सेहत खराब हो रही है. कहीं राह चलते बसें खड़ी हो जा रही हैं तो कई बसें वर्कशॉप में स्पेयर पार्ट्स के अभाव में खड़ी हैं. परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक इसी फंड से बेहतर व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने खास प्लान तैयार किया है.

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यूपी रोडवेज की बसें. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 28, 2024, 4:52 PM IST

यूपी रोडवेज की बसों की सेहत पर संवाददाता अखिलेश्वर पाण्डेय की रिपोर्ट. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम अब खराब होकर न रास्ते में खड़ी होंगी और ना ही स्पेयर पार्ट्स की कमी के चलते वर्कशॉप में खड़ी रहेंगी. दरअसल, कई महीनों से परिवहन निगम की ओर से प्रदेश के कई परिक्षेत्रों को रिवॉल्विंग फंड दिया ही नहीं गया. इससे ये सब परेशानियां आ रही थीं और यात्रियों को दिक्कत हो रही थी. लेकिन, अब परिवहन निगम ने हर माह समय से रिवॉल्विंग फंड जारी करने का मास्टर प्लान तैयार किया है.

रिवॉल्विंग फंड के रूप में हर माह हर क्षेत्र को 15 लाख रुपए दिए जाते हैं, जिससे डिपो में बसों की सेहत सुधारने के साथ ही बस स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को बेहतर किया जाता है. पिछले कई महीनों से UPSRTC की तरफ से रिवॉल्विंग फंड जारी न किए जाने से बसों की सेहत खराब हो रही है.

कहीं राह चलते बसें खड़ी हो जा रही हैं तो कई बसें वर्कशॉप में स्पेयर पार्ट्स के अभाव में खड़ी हैं. परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक इसी फंड से बेहतर व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने खास प्लान तैयार किया है.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की तरफ से हर रीजन को रिवॉल्विंग फंड के तहत हर माह 15 लाख रुपए उपलब्ध कराने का प्रावधान है. इस फंड से हर रीजन अपने डिपो और बस स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं से संबंधित सारे काम संपन्न कराते हैं, लेकिन पिछले तीन माह से कई रीजनों को यूपीएसआरटीसी की तरफ से रिवॉल्विंग फंड दिया ही नहीं गया है. इससे इन रीजनों में यात्री सुविधाओं से संबंधित काम लटक गए हैं.

वर्कशॉप में स्पेयर पार्ट्स के अभाव में बसें सही से मरम्मत नहीं हो पा रही हैं तो बस स्टेशनों पर भी यात्री सुविधाओं से संबंधित जो काम होते हैं उन पर भी ग्रहण लग गया है. इतना ही नहीं इसी फंड से बिजली का बिल भी भरा जाता है तो इसकी भी दिक्कत रीजन और डिपो के सामने आ रही है.

हालांकि इस बारे में परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक का कहना है कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि रिवॉल्विंग फंड समय पर दिया क्यों नहीं गया है, लेकिन अब संज्ञान में आया है तो तत्काल इस फंड को उपलब्ध कराया जाएगा. यह फंड यात्री सुविधा से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे समय पर जारी करना ही चाहिए.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रदेश भर में कुल 20 रीजन हैं और इन सभी रीजन के अंतर्गत कई डिपो आते हैं. आगरा रीजन में छह डिपो, अलीगढ़ रीजन में सात डिपो, अयोध्या रीजन में चार डिपो, आजमगढ़ रीजन में सात डिपो, बरेली रीजन में चार डिपो, चित्रकूट रीजन में चार डिपो, देवीपाटन रीजन में तीन डिपो, इटावा रीजन में छह डिपो, गाजियाबाद रीजन में आठ डिपो, गोरखपुर रीजन में आठ डिपो, हरदोई रीजन में छह डिपो, झांसी रीजन में दो डिपो, कानपुर रीजन में छह डिपो, लखनऊ रीजन में सात डिपो, मेरठ रीजन में पांच डिपो, मुरादाबाद रीजन में आठ डिपो, नोएडा रीजन में दो डिपो, प्रयागराज रीजन में आठ डिपो, सहारनपुर रीजन में छह डिपो और बनारस रीजन में आठ डिपो हैं. कुल मिलाकर 20 रीजन में 115 डिपो हैं.

इसके अलावा इन सभी परिक्षेत्र में कुल 300 बस स्टेशन हैं जिनमें से 249 बस स्टेशन परिवहन निगम के अपने परिसरों में हैं और 51 रेंट पर हैं. बस स्टेशनों पर रेस्ट रूम, कैंटीन, बुकिंग ऑफिस, टॉयलेट्स, ड्रिंकिंग वाटर, टाइम टेबल्स, चार्ट डिस्प्ले, इंक्वायरी काउंटर्स, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, लाइट, पंखे, सीट्स और बेंच की व्यवस्था यात्री सुविधा के लिहाज से किए जाने की व्यवस्था करना अनिवार्य है. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस बेड़े में कुल 12,197 बसें हैं. इन वर्षों से हर रोज प्रदेश भर में 16 से 17 लाख के बीच यात्री सफर करते हैं.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर का कहना है कि रिवॉल्विंग फंड सभी को समय पर उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था है. अगर कुछ लेट हुआ है तो उसे लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. जल्द सभी रीजन को फंड मिल जाएगा. इस फंड में एक बदलाव भी करने की तैयारी है. कुछ बड़े रीजन हैं जिनमें सात या आठ डिपो तक हैं और कुछ छोटे रीजन हैं जिनमें सिर्फ दो ही डिपो हैं लेकिन सभी को धनराशि एक समान ही मिलती है. अब अलग-अलग डिपो की जरूरत के मुताबिक फंड उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे डिपो और बस स्टेशन पर यात्री सुविधाएं बेहतर की जा सकेंगी.

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