उन्नाव :जिले के एक गांव का रहने वाला मानसिक रूप से बीमार शख्स तीन साल पहले भटकते हुए भारत की सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया था. परिवार के लोग कई महीने तक उसकी तलाश करते रहे. कुछ समय बाद पाकिस्तान के दूतावास से भारत की एंबेसी को उसके लाहौर जेल में बंद होने की जानकारी दी गई थी. परिवार के लोग उसकी रिहाई के लिए प्रार्थनाएं कर रहे थे. अब परिवार को जानकारी मिली है उसे रिहा कर दिया गया है. परिवार में जश्न का माहौल है. वे उसके घर पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं.
सदर कोतवाली क्षेत्र के अकरमपुर स्थित सुल्तानखेड़ा गांव में 70 साल की प्रेमा देवी परिवार समेत रहती हैं. उनके पति स्वास्थ्य महकमे में थे. उनकी मौत हो चुकी है. शांति देवी की पेंशन से ही परिवार का गुजारा होता है. प्रेमा देवी का इकलौता बेटा सूरजपाल मानसिक रूप से कमजोर है. प्रेमा देवी ने बताया कि सूरजपाल का कई जगहों पर इलाज कराया गया, लेकिन वह ठीक नहीं हुआ. इस बीच बेटे की फिक्र में उसके पिता की मौत हो गई. इसके बाद सूरजपाल की हालत और बिगड़ गई.
सूरजपाल की शादी हो चुकी है. परिवार में पत्नी सुरजा देवी के अलावा एक बेटा पिंटू है. बेटा शहर के एक संस्थान से बीसीए कर रहा है. तीन साल पहले सूरजपाल भारत की सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया. वहां उसे बंदी बना लिया गया. इधर परिवार के लोग महीनों तक उसकी तलाश करते रहे, लेकिन उसका पता नहीं चल पा रहा था. कुछ समय बाद पाकिस्तान के दूतावास ने भारत को बताया कि सूरजपाल लाहौर की जेल में बंद है.