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NHAI टोल प्लाजा पर टैक्स वसूली में घोटाले का पर्दाफाश, 3 गिरफ्तार - TOLL PLAZA TAX COLLECTION

इंजीनियर ने रची थी साजिश, STF ने किया खुलासा, आजमगढ़ का टोल प्लाजा भी शामिल.

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टोल प्लाजा टैक्स वसूली के 3 आरोपी गिरफ्तार (pic credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 23, 2025, 10:28 PM IST

आजमगढ़: यूपी एसटीएफ ने एनएचएआई के टोल प्लाजा पर टैक्स वसूली में हो रहे घोटाले का पर्दाफाश किया है. लखनऊ एसटीएफ टीम ने मंगलवार रात मिर्जापुर के अतरैला टोल प्लाजा पर छापेमारी कर 3 लोगों को पकड़ा. इन लोगों ने टोल प्लाजा पर लगे एनएचएआई के कम्प्यूटर में अपना सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर रखा था.

इससे बिना फास्टैग के गुजरने वाले वाहनों के कलेक्शन से गबन कर रहे थे. दो साल से अतरैला के शिवगुलाम टोला प्लाजा से रोज 45000 रुपये वसूल रहे थे. इस तरह से ये लोग अकेले इसी टोल प्लाजा से अब तक 3 करोड़ 28 लाख गबन कर चुके हैं. ये आरोपी अब तक देश के 12 राज्यों के 42 टोल प्लाजा में एनएचएआई के समानांतर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर चुके हैं.


एसटीएफ इंस्पेक्टर दीपक सिंह ने शिकायत देकर लालगंज थाने में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. एसटीएफ ने आरोपियों के कब्जे से दो लैपटॉप, एक प्रिंटर, 5 मोबाइल, एक कार और 19000 रुपये बरामद किए हैं. एसटीएफ पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 12 राज्यों में करीब 200 टोल प्लाजा पर इस तरह से गड़बड़ी की जा रही है. STF ने विज्ञप्ति जारी करके बताया कि एनएचएआई के विभिन्न टोल प्लाजा पर गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थीं. बिना फास्टैग और फास्टैग अकाउंट में कम पैसे वाले वाहनों से टोल प्लाजा के बूथ कंप्यूटर में एनएचएआई के सॉफ्टवेयर सर्वर के अलावा अलग से सॉफ्टवेयर से धोखाधड़ी की जा रही थी.

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वाराणसी एसटीएफ के ASP विनोद सिंह और लखनऊ के ASP विमल सिंह की टीम लगातार मामले की मॉनिटरिंग कर रही थी. इसी बीच SDO को सूचना मिली कि एनएचएआई के सॉफ्टवेयर में अलग से सॉफ्टवेयर बनाने और इंस्टॉल करने वाला व्यक्ति वाराणसी में है. एसटीएफ टीम ने बाबतपुर एयरपोर्ट के पास से आलोक सिंह को पकड़ लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है.


एसटीएफ ने आलोक कुमार सिंह पुत्र स्वर्गीय अरुण कुमार सिंह, मनीष मिश्रा पुत्र मोहन लाल मिश्रा, म.प्र, राजीव कुमार मिश्र पुत्र बृजेश मिश्रा को गिरफ्तार किया है. आलोक सिंह ने पूछताछ में बताया की घोटाले के रुपए टोल प्लाजा मालिकों, टोल प्लाजा के आईटी कर्मियों और अन्य कर्मचारियों के बीच में बांटे जाते थे. सावंत और सुखांतु की देखरेख में देश के 200 से अधिक टोल प्लाजा पर इस तरह के सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किए गए. इनसे हर दिन करोड़ों का गबन किया जा रहा था. 200 में से 42 टोल प्लाजा पर उसने सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया था. इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल शामिल हैं.

यूपी की बात करें तो आजमगढ़, प्रयागराज, बागपत, बरेली शामली मिर्जापुर और गोरखपुर शामिल हैं. मैं पिछले दो साल से इस काम से जुड़ा हूं. देश के जिन 42 टोल प्लाजा पर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया गया था, उसमें उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले का अन्दी टोल प्लाजा लोहरा भी शामिल है. एसटीएफ की इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है.

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