लखनऊ:रेलवे के ट्रैकमैन को जूनियन इंजीनियर (जेई), सुपरवाइजर व लोको पायलट बनने का सुनहरा अवसर मिलेगा. इसके लिए उन्हें जनरल डिपार्टमेंटल का एग्जाम देना होगा. इसपर कुल 221 पदों के लिए दिसंबर में आवेदन होगा. जनवरी में इसकी परीक्षा कराई जाएगी.
एनई रेलवे मजदूर यूनियन के मंडल मंत्री आनएन गर्ग ने बताया कि जनरल डिपार्टमेंटनल एग्जाम के माध्यम से अब ट्रैकमैन लोको पायलट, सुपरवाइजर और जूनियर इंजीनियर बन सकेंगे. इससे इंजीनियरिंग विभाग के ग्रुप डी कर्मचारियों को प्रमोशन और अन्य विभागों में जाने का अवसर मिलने से राहत हो जाएगी. प्रमोशन के लिए कुल 221 पद हैं. जिनके लिए 21 दिसंबर से आवेदन शुरू होंगे. साथ ही जनवरी में इसकी परीक्षा कराई जाएगी.
रेलवे ट्रैकमैन बन सकेंगे JE, सुपरवाइजर और लोको पायलट, 221 पदों के लिए देनी होगी ये परीक्षा
General Departmental Exam: रेलवे में सुपरवाइजर और लोको पायलट 221 पदों के लिए दिसंबर में आवेदन होगा शुरू. जनवरी में इसकी परीक्षा कराई जाएगी.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : 4 hours ago
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क्या होता है ट्रैकमैन का काम?
रेलवे में ट्रैकमैन का काम रेल लाइन की देखभाल और समय-समय पर उसमें मरम्मत करना होता है. ट्रैकमैन रेल की पटरियों के निरीक्षण, स्थापना या रखरखाव में सहायता करता है. ट्रैक मेंटेनर हर रोज करीब 10 से 14 किलोमीटर ट्रैक पर चलते हैं. ट्रेनों और दूसरे उपकरणों का इंस्पेक्शन करते हैं, जिससे ट्रेनों का सुचारु संचालन हो सके. किसी भी अनहोनी को टाला जा सके.
इंडोर अस्पताल का सर्वर डाउन, इलाज में हुई परेशानी:वहीं, सोमवार को उत्तर रेलवे इंडोर अस्पताल का सर्वर सोमवार सुबह डाउन हो गया. जिससे इलाज के लिए पहुंचे रेलकर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. ओपीडी में रजिस्ट्रेशन से लेकर दवाओं के वितरण में समस्या हुई. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के आलमबाग स्थित इंडोर अस्पताल में रेलकर्मियों को उम्मीद कार्ड के माध्यम से इलाज मुहैया कराया जाता है. सर्वर डाउन होने के चलते उम्मीद कार्ड से रेलकर्मियों की डिटेल नहीं भरी जा सकी. इससे ओपीडी में उनके रजिस्ट्रेशन में असुविधाएं हुई. यही नहीं, डॉक्टरों की तरफ से जिन्हें इलाज मिला और दवाएं लिखी गईं तो दवा काउंटरों पर रेलकर्मियों को दिक्कतें हुई. सर्वर डाउन होने से तकरीबन एक घंटे तक रेलकर्मी परेशान हुए. हालांकि सर्वर दुरुस्त होने पर रेलकर्मियों ने राहत की सांस ली.
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