लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के एक आदेश से अभियंताओं की बल्ले बल्ले हो गई है. अब उपखंड अधिकारी और अवर अभियंता अपनी उम्मीद से बड़ा कनेक्शन देने के हकदार होंगे. अभी तक अवर अभियंता (जेई) सिर्फ चार किलोवाट तक घरेलू कनेक्शन दे सकते थे लेकिन अब घरेलू के साथ-साथ वाणिज्यिक कनेक्शन दे सकेंगे, वहीं उपखंड अधिकारियों को भी 25 किलोवाट तक के कनेक्शन देने का अधिकार दे दिया गया है.
विकास प्राधिकरण, निजी विकासकर्ताओं और व्यक्तिगत आवेदकों की तरफ से विकसित किए जाने वाले अपार्टमेंट और कॉलोनी में बिजली कनेक्शन का भार स्वीकृत करने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने नए आदेश जारी कर दिए हैं. इस व्यवस्था में अभियंताओं के भार स्वीकृत के अधिकार में भारी वृद्धि की गई है.
पावर कारपोरेशन के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक उपखंड अधिकारी को 10 किलोवाट तक घरेलू और वाणिज्यिक कनेक्शन देने का अधिकार था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 25 किलोवाट तक घरेलू और वाणिज्यिक दोनों तरह के कनेक्शन के रूप में कर दिया गया है. इसके साथ ही निजी नलकूप के 25 हॉर्स पावर के कनेक्शन भी उपखंड अधिकारी ही दे सकेंगे, वहीं अवर अभियंता की बात की जाए तो अभी तक सिर्फ चार किलोवाट तक का घरेलू कनेक्शन देने का ही उन्हें अधिकार था, लेकिन अब कॉमर्शियल कनेक्शन भी वह चार किलो वाट तक जारी कर सकेंगे.
अधिशासी अभियंता वितरण अब सभी तरह के 25 किलोवाट से ज्यादा और 3600 किलोवाट या 4000 केवीए तक बिजली का कनेक्शन स्वीकृत करने के हकदार होंगे, जबकि अधीक्षण अभियंता वितरण को 3600 किलोवाट या 4000 केवीए से ज्यादा भार स्वीकृत करने का अधिकार दे दिया गया है. कनेक्शन के भार में अभियंताओं को दिए गए ज्यादा अधिकार से पावर कारपोरेशन को उम्मीद है कि सही समय पर आवेदकों को कनेक्शन मिल सकेंगे और इससे पावर कारपोरेशन के राजस्व में भी इजाफा होगा.
फॉल्ट दुरुस्त करने में लापरवाही पर जेई सस्पेंड: ठाकुरगंज डिवीजन के गऊघाट उपकेंद्र के जूनियर इंजीनियर अश्विनी कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. केवल फाल्ट होने पर राधाग्राम उपकेंद्र से बिजली सप्लाई चालू कर ली, लेकिन समय रहते अवर अभियंता पर आरोप है कि उन्होंने ब्रेकडाउन दुरुस्त नहीं करवा पाया. इससे बालाघाट उपकेंद्र के अंडरग्राउंड केबल फॉल्ट होने पर राधा ग्राम उपकेंद्र से बिजली सप्लाई हो ही नहीं पाई.
इससे सरफराजगंज और बालागंज सहित बड़े क्षेत्र की करीब 50000 आबादी को बिजली संकट झेलना पड़ा. अवर अभियंता की लापरवाही पर अधिशासी अभियंता दीपक कुमार ने अधीक्षण अभियंता को रिपोर्ट सौंप दी. इस पर अधीक्षण अभियंता रमेश चंद पांडेय ने जेई अश्विनी कुमार को सस्पेंड कर दिया.
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