लखनऊ: साइबर अपराध आज के समय में देश के लिए एक बड़ी चुनौती बन कर उभरा है. राज्य कोई भी हो, साइबर अपराधी आम से लेकर खास तक को चूना लगा रहे हैं. लेकिन, हैरानी की बात यह है कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम हुए हैं. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा भी इसे मानते हैं.
उन्होंने तो लोकसभा में इसको लेकर एक रिपोर्ट भी पेश की है. उसके मुताबित वर्ष 2023 में सबसे अधिक साइबर क्राइम उत्तर प्रदेश में हुआ है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में 2 लाख लोगों के साथ साइबर फ्रॉड हुआ है. इसके बाद महाराष्ट्र व गुजरात में साइबर क्राइम सबसे अधिक हुआ है.
यह तब है जब उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम से निपटने के लिए 16 जिलों में साइबर थाने संचालित हो रहे हैं. डीजीपी मुख्यालय स्तर पर साइबर क्राइम में उच्च अधिकारियों को बैठाया गया है और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023 में साइबर ठगी के कुल 11.28 लाख मामले सामने आए थे. इसमें आधे मामले तो सिर्फ पांच राज्यों में ही दर्ज किए गए. लगभग 2 लाख केस उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए जो सबसे अधिक हैं. दूसरे नम्बर पर महाराष्ट्र 1 लाख 30 हजार केस, तीसरे नंबर पर गुजरात में 1 लाख 20 हजार केस. वहीं राजस्थान और हरियाणा में करीब 80-80 हजार मामले दर्ज किए गए थे. यूपी में इस वित्तीय वर्ष 721.1 करोड़ रुपयों की ठगी हुई है.
साइबर ठगी से कैसे बचें
- किसी अनजान व्यक्ति से OTP शेयर न करें
- UPI से पैसे पाने के लिए पासवर्ड न डालें
- किसी के भी कहने पर AnyDesk या TeamViewer ऐप डाउनलोड न करें
- यदि कर लिया है तो 9 अंको का कोड शेयर न करे
- अनजान नम्बर से भेजे एसएमएस, व्हाट्सएप या मेल के जरिए मिले लिंक पर क्लिक न करें
- ऑनलाइन बुकिंग करने के लिए गूगल में सर्च की गई वेबसाइट में URL को जांच लें, जिसमें https लिखा हो उसी पर करें भरोसा
- डिजिटल वॉलेट का एग्जिक्यूटिव बनकर कोई फोन करे तो इग्नोर करें
ठगी के अलग-अलग तरीके:आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में सबसे अधिक सेक्साटॉर्सन और फ्रेंडशिप के नाम पर ठगी हुई हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया में फेक प्रोफाइल बनाकर ठगी, ऑनलाइन फ्रॉड और ATM क्लोनिंग के साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज हुए हैं. जिसमें 5 हजार से 10 लाख रुपये तक के फ्रॉड हुए.
मैट्रीमोनियल साइट से ठगी:इसके अलावा मेट्रीमोनियल साइट के जरिए नाइजीरियन गैंग ठगी करते हैं. किसी नई सरकारी योजना का लाभ देने के नाम पर भी कई मामले दर्ज हुए हैं. नौकरी और पार्ट टाइम जॉब के नाम पर रोजाना लाखों की ठगी की जाती है.
पुलिस भी हुई साइबर क्राइम की शिकार: साइबर अपराध इस कदर अपने पैर पसार चुका है कि अपराधी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को भी अपना निशाना बनाते हैं. साइबर अपराधी डीजीपी और कई थानों के नम्बर की स्पूफिंग कर लोगों से ठगी कर चुके हैं. इसके अलावा पूर्व आईपीएस अफसरों से भी पेंशन के नाम पर आए दिन ठगी कर रहे हैं. इससे साफ है कि उत्तर प्रदेश में साइबर अपराधियों से मोर्चा लेने में फिलहाल पुलिस विफल हो रही है.
सरकार साइबर क्राइम रोकने के लिए कर रही है प्रयास:सूबे के डीजीपी प्रशांत कुमार के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम को रोकने और लोगों के ठगे हुए पैसों को वापस दिलाने के लिए 16 जिलों में साइबर क्राइम थाने संचालित किए जा रहे हैं. जल्द ही बचे हुए 57 जिलों में भी साइबर थानों का संचालन शुरू हो जाएगा. इसके अलावा मुख्यालय स्तर पर साइबर थानों और मुख्यालय में तैनात किए जाने वाले सभी पुलिस कर्मियों को आधुनिक तरीके से ट्रेनिंग दी जा रही है.