गोरखपुर: संसाधन और आर्थिक तंगी के अभाव में बंदी के कगार पर पहुंच रहे गोरखपुर की पराग प्लांट (Gorakhpur Parag Plant) ने जिले में विभिन्न बड़ी संस्थाओं को दूध की सप्लाई बंद कर दी है. इन संस्थानों में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज (BRD), गोरखपुर जेल, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, स्पोर्ट्स कॉलेज जैसी कई संस्थाएं शामिल हैं. खास बात यह है कि पराग डेयरी प्लांट का मेडिकल कॉलेज पर करीब 56 लाख रुपए से अधिक का बकाया है. वहीं, पराग प्लांट को दुग्ध समितियां के माध्यम से दूध भी नहीं उपलब्ध हो पा रहा है. इससे वजह से उत्पादन भी नहीं हो पा राह है.
सरकारी मदद के लिये डेरी प्लांट की तरफ से मांग हुई है लेकिन सरकार और दुग्ध निदेशालय की तरफ से पूरा नहीं किया जा रहा है. लिहाजा इन किसी प्रकार यह प्लांट चलाया तो जा रहा है लेकिन जो मिल्क प्रोडक्ट गोरखपुर में इस समय बेचा जा रहा है, वह अयोध्या के प्लांट से गोरखपुर का प्लांट लाकर बेच रहा है लेकिन बड़ी बात यह है कि इन प्रमुख संस्थानों में पराग दुग्ध जो सप्लाई करता था वहां पर इसकी सप्लाई बंद करने से, दूसरी कंपनियों को अपना कारोबार करने का मौका मिल गया है. दुग्ध समिति से जुड़े हुए लोगों का कहना है कि जब उन्हें समय से भुगतान नहीं हो रहा है तो ऐसे में वह पराग प्लांट को अपने दूध की सप्लाई कैसे दें. लिहाजा वह ओपन मार्केट में अपना दूध बेच रहे हैं.
कहां रोज कितनी दूध की सप्लाईःपराग प्लांट के मार्केटिंग मैनेजर डीके सोनी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन 400 लीटर और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 300 लीटर दूध और 150 किलो पनीर का एवरेज में डिमांड और सप्लाई होती रही. स्पोर्ट्स कॉलेज में 250 लीटर, जिला जेल में 275 लीटर की सप्लाई होती है. कुशीनगर, महराजगंज देवरिया नवोदय विद्यालय को भी एवरेज में 150 लीटर की सप्लाई दी जाती है, लेकिन दूध की उपलब्धता नहीं होने से इन संस्थानों में सप्लाई बंद करनी पड़ी है.
गोरखपुर के पराग प्लांट ने सरकारी संस्थानों की सप्लाई रोकी. (photo credit: etv bharat) गोरखपुर में पराग ने आखिर क्यों रोकी सरकारी संस्थानों की सप्लाई. (video credit: etv bharat)
कौन क्या बोलाः हालांकि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सप्लाई बंद करने के पीछे बकाया भी बड़ी वजह है. वहीं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर रामकुमार जायसवाल से ईटीवी भारत ने इस संबंध में बात किया तो उन्होंने कहा कि, बकाया भुगतान करने के लिए शासन से धन की डिमांड की गई है. धन प्राप्त होते ही पराग को उनका बकाया भुगतान किया जाएगा. रही बात इस बीच दूध की सप्लाई बाधित है उसका कोई वैकल्पिक इंतजाम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन कर लेगा ऐसी कोशिश हो रही है. गोरखपुर जेल के जेलर एके कुशवाहा ने कहा कि उनके यहां पराग ने सप्लाई बंद की है लेकिन बातचीत चल रही है. शायद एक दिन बाधित रहने के बाद वह जेल को अपनी सप्लाई सुचारु रखेंगे.
मदन मोहन मालवीय के कुलपति प्रोफेसर जेपी सैनी ने कहा है कि उनके विश्वविद्यालय में कैंटीन का संचालन निजी हाथों में हो रहा है. दूध की सप्लाई बाधित होने की जानकारी मिली है. छात्रों को कोई असुविधा न हो इसका इंतजाम कैंटीन संचालक को करना है. विश्वविद्यालय प्रबंधन इसको गंभीरता से देख रहा है तो वहीं स्पोर्ट्स कॉलेज में दूध की सप्लाई बंद होने से निश्चित रूप से खिलाड़ियों के सामने दूध का संकट होगा लेकिन प्रबंधन यहां भी अपने वैकल्पिक इंतजाम के सहारे आगे बढ़ेगा.खास बात यह है कि पराग प्लांट जो दूध का संग्रह नहीं कर पा रहा है वह इसकी वजह से अपनी इमेज भी बाजार में खराब कर रहा है तो, वह बंदी की कगार पर पहुंच गया है। बताया जा रहा है की सरकार ने नेशनल डेयरी फेडरेशन से इसको संचालित करने की पहल की है लेकिन, यह पहला कब सकारात्मक रूप से सामने आएगी इसका इंतजार काफी लंबा खिंच रहा है.
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