लखनऊः देश में 2014 से 2020 तक दर्जनों परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश में 2017 से जब से योगी मुख्यमंत्री बने है, करीब 17 पेपर लीक हो चुके हैं. 2021 में भी तीन महत्वपूर्ण पेपर लीक हुए हैं. इतना ही नहीं बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी पेपर लीक हो चुके हैं. इसमें 50 से अधिक लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. यह आरोप उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के वाइस चेयरमैन मनीष श्रीवास्तव हिंदवी ने बीजेपी सरकार पर शनिवार को लगाया.
इस दौरान यूपी कांग्रेस के मीडिया विभाग के वाइस चेयरमैन मनीष श्रीवास्तव हिंदवी ने कहा कि अभी हाल ही में इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट आई है, जिसमें यह पता चला कि भारत में जो बेरोजगार हैं. इनमें से 83 प्रतिशत युवा हैं और यह उस देश की स्थिति है, जहां पर 18 से 35 वर्ष के बीच की 60 प्रतिशत की आबादी युवाओं है और उस आबादी की यह स्थिति है कि वह सबसे भयंकर बेरोजगारी का दंश झेल रहा है. हमारे यहां कोई नया निवेश नहीं हो रहा है. इसलिए नये रोजगार सृजित नहीं हो रहे हैं.
वहीं उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस मध्य जोन के उपाध्यक्ष शरद शुक्ला ने कहा कि सिर्फ उत्तर प्रदेश ही युवा ही नहीं बल्कि हरियाणा के युवा भी पर्चा लीक का शिकार हो चुके हैं, जिसमें वर्ष 2017 में सिविल सर्विसेज ज्यूडिशियरी, 7 अगस्त 2021 को सिपाही भर्ती, फरवरी 2023 में टीजीटी तथा मार्च 2024 में कक्षा 10 की परीक्षा का पर्चे कई केन्द्रों से लीक हो चुके हैं.
प्रदेश के युवाओं की समस्याओं को उठाते हुए भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन मध्य जोन के अध्यक्ष अनस रहमान ने बताया कि जुलाई 2017 में दरोगा भर्ती, मार्च 2018 में यूपीपीसीएल, जुलाई 2020 में शिक्षक भर्ती, 28 नवम्बर यूपी टीईटी एवं यूपीएसआई, 2022 यूपी बोर्ड 12वीं का अंग्रेजी, जुलाई 2022 लेखपाल भर्ती परीक्षा, फरवरी 2023 में लखनऊ आरएमएल संस्थान की नर्सिंग परीक्षा, 2023 में यूपी बोर्ड 12वीं का बायोलॉजी एवं मैथ का पेपर व्हाट्सएप पर, 23 फरवरी 2023 आरओ/एआरओ, 24 फरवरी 2024 उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होना प्रदेश सरकार पर सवालिया निशान है.