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कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने अडानी मामले को लेकर पीएम मोदी को घेरा, कहा- कब होगी गिरफ्तारी? - GAUTAM ADANI ARREST WARRANT

Congress on Gautam Adani: कांग्रेस ने अडानी मामले में पीएम मोदी पर सवाल उठाए है. साथ ही भेदभाव और राष्ट्र के साथ अन्याय का आरोप लगाया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने लखनऊ में की प्रेस कॉन्फ्रेंस (photo credit- Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 22, 2024, 7:42 PM IST

लखनऊ:कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षअजय राय ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों है कि विपक्षी मुख्यमंत्रियों को 31 करोड़ या 100 करोड़ रुपये के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है. लेकिन प्रधानमंत्री का सहयोगी पर 2,000 करोड़ रुपये के आरोप होने के बावजूद भी खुलेआम घूम रहा है? कानून के अमल में ये भेदभाव, राष्ट्र के साथ अन्याय है.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने कहा, कि सेबी के अमेरिकी समकक्ष, प्रतिभूति विनिमय आयोग (एसईसी) का आरोप है, कि गौतम अडानी और उनके सात सहयोगियों ने भारत में उच्च-मूल्य वाले सौर ऊर्जा अनुबंधों को हासिल करने के लिए 2,000 करोड़ ($250 मिलियन) की रिश्वतखोरी की योजना बनाई.

अमेरिकी अभियोग में आरोप लगाया गया है, कि 2020 और 2024 के बीच, अडानी और उनके सह-प्रतिवादियों ने 16,000 करोड़ ($2 बिलियन) से अधिक लाभ अर्जित करने वाले अनुबंधों को हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत की पेशकश की. ये अनुबंध आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, ओडिशा और तमिलनाडु राज्यों से संबंधित थे.


अधिकारियों के आदेशों पर रोकी गई थी जांच:
अजय राय ने कहा, यह स्पष्ट है कि सफेदपोश अपराध की जांच करने वाली संस्थाएं - सेबी, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), और आयकर विभाग, न केवल विश्वास करने लायक आरोपों के बावजूद अडानी की जांच करने में विफल रहा हैं, बल्कि उच्च अधिकारियों के आदेशों पर उनकी कुछ जांच को भी रोक दिया गया है. इसके उलट, इन एजेंसियों का दुरुपयोग प्रधानमंत्री की निगरानी में अडानी द्वारा हवाई अड्डों, बंदरगाहों, मीडिया कंपनियों और सीमेंट संयंत्रों के अधिग्रहण को सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया है.

उन्हें विपक्षी राजनेताओं को निशाना बनाने, विपक्षी दलों को खत्म करने और विपक्षी मुख्यमंत्रियों को जेल में डालने के लिए भी हथियार बनाया गया है. यही कारण है, कि अमेरिका जैसे देश के अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों से अडानी के खिलाफ जांच सामने आ रही है.

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, कि देश में जिन राज्यों में सौर ऊर्जा के अनुबंध प्राप्त करने के लिए अदानी के ऊपर रिश्वत देने का आरोप लगा है. उनमें से चार राज्यों में गैर बीजेपी दलों का शासन रहा है. जबकि जम्मू और कश्मीर राष्ट्रपति शासन के तहत सीधे केंद्र द्वारा शासित था.

वहीं, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे भाजपा शासित राज्यों में हाल ही में अधिक कीमत वाले सौर ऊर्जा के अनुबंधों में भी इसी तरह का पैटर्न देखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि यह घटनाक्रम कांग्रेस पार्टी के “हम अडानी के हैं कौन” अभियान को सही साबित करता है, जिसमें प्रधानमंत्री के अडानी के साथ करीबी संबंधों के बारे में 100 सवाल उठाए गए थे.

शेयर बाजार में हेरफेर:अजय राय ने आरोप लगाया कि कोयले के ओवर-इनवॉइसिंग से प्राप्त धन का कथित तौर पर अडानी समूह की कंपनियों में बेनामी होल्डिंग बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया, जो सेबी के नियमों का उल्लंघन है. इन गतिविधियों ने अडानी के शेयर के दाम को कृत्रिम रूप से बढ़ा दिया, जिससे शेयर बाजार में 10 करोड़ भारतीय निवेशकों के लिए जोखिम पैदा हो गया.

इसके अलावा एसईसी की निर्णायक कार्रवाई सेबी की उस नाकामी को उजागर करती है, जो सुप्रीम कोर्ट की कार्यकारी समिति द्वारा दो महीने की तय मियाद के बावजूद 20 महीने बाद भी अडानी के खिलाफ अपनी जांच पूरी करने में नहीं कर पाई. सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच के अडानी के साथ वित्तीय संबंध इस देरी को लेकर गंभीर चिंता पैदा करते हैं.

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