अंबेडकरनगर: कटेहरी विधानसभा सीट उपचुनाव को लेकर सियासत गर्म है. सपा-बसपा और भाजपा तीनों ही दल कटेहरी सीट पर कब्जा करने के लिए आतुर हैं. नेता कटेहरी की सियासत को साधने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. कटेहरी की सियासत को साधने के लिए तो कई मुद्दे हैं. लेकिन, इस चुनाव में कटेहरी के भविष्य की सियासत साधने में उलझ गई है.
कटेहरी सीट पर कमल खिले हुए तीन दशक से अधिक का समय बीत गया है. 1991 में भाजपा के अनिल तिवारी को इस सीट पर जीत मिली थी. तब से बीजेपी इस सीट पर कब्जा करने की पुरजोर कोशिश कर रही है, लेकिन सफलता नहीं मिली. चार बार इस सीट पर बसपा का कब्जा रहा है. धर्मराज निषाद इस सीट पर तीन बार बसपा से विधायक रह चुके हैं.
कटेहरी उपचुनाव के प्रमुख प्रत्याशी
- भाजपा - धर्मराज निषाद
- सपा - शोभावती वर्मा
- बसपा - अमित वर्मा
विधानसभा चुनाव 2012 में इस सीट पर सपा को जीत मिली. इसके बाद 2017 में एक बार फिर बसपा ने इस सीट पर कब्जा कर लिया और लालजी वर्मा विधायक बने. 2022 के चुनाव में लालजी वर्मा सपा से चुनाव लडे़ और जीत हासिल की. लालजी वर्मा के सांसद बनने के बाद अब यह सीट रिक्त हुई है. इस सीट पर दलित, ब्राह्मण, कुर्मी और यादव वोटों की बहुलता है.
लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी के हाथों मिली करारी हार के बाद बीजेपी उपचुनाव में अति पिछड़ा कार्ड खेल कर कटेहरी को फतह करने की फिराक में है. लेकिन, बीजेपी की यही चाल अब उसके लिए मुसीबत बनती हुई नजर आ रही है. सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में जिस तरीके से चर्चा है, उससे तो यह जाहिर हो रहा है कि बीजेपी के लिए कटेहरी की राह आसान नहीं होगी.
आंकड़ों में कटेहरी विधानसभा सीट
- प्रत्याशियों की संख्या - 11
- महिला प्रत्याशी - 1
- निर्दल - 7
- मतदान केंद्र - 425
- मतदाता - 4,00,541
- पुरुष मतदाता - 2, 10, 568
- महिला मतदाता 1,90,306
- थर्ड जेंडर - 7,667
- युवा मतदाता - 3,381