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एएमयू से अब क्यों नहीं निकल रहे बड़े कलाकार, जानिए क्या है वजह ? - AMU CULTURAL EDUCATION CENTER

यूनिवर्सिटी के छात्र 11 क्लबों में मेंबरशिप लेकर अपने टैलेंट को निखार सकते हैं.

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पढ़ चुके हैं नामी कलाकार. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 17, 2025, 12:17 PM IST

Updated : Feb 17, 2025, 5:07 PM IST

अलीगढ़ :अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले छात्र आज हर क्षेत्र में नाम रोशन कर रहे हैं. बॉलीवुड में भी यहां के छात्रों का डंका बज रहा है. जावेद अख्तर, अनुभव सिन्हा, नसरुद्दीन शाह, सुरेखा सिकरी, दिलीप ताहिर, मुजफ्फर अली, सय्यद जाफरी, और कैफ़ी आजमी जैसे बड़े कलाकार और डायरेक्टर्स यहीं से शिक्षा हासिल की थी. लेकिन पिछले करीब 3 दशकों से यहां से कोई बड़ा कलाकार नहीं निकला है. आइए जानते हैं कि इसकी मुख्य वजह क्या है?

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के कल्चरल एजुकेशन सेंटर (सीईसी) में कुल 11 क्लब है जिसमें ड्रामा, सिंगिंग, डांसिंग, पेंटिंग आदि शामिल है, हर क्लब का एक अध्यक्ष, सेक्रेटरी और सीईसी का एक कोऑर्डिनेटर भी होता है. इसमें लगभग ढाई हज़ार एएमयू छात्र मेंबर हैं. जिससे मालूम चलता है कि आज भी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं सीईसी के मेंबर बनते हैं, बावजूद इसके पिछले 25 से 30 सालों में कोई भी बड़ा कलाकार यूनिवर्सिटी पैदा नहीं कर पा रहा है.

CEC यूनिवर्सिटी का जीवंत संस्था...मोहम्मद शम्स दुआ खान :यूनिवर्सिटी डिबेटिंग एंड लिटरेरी क्लब के सेक्रेटरी मोहम्मद शम्स दुआ खान ने सीईसी को यूनिवर्सिटी का जीवंत संस्था बताया. जहां पर यूनिवर्सिटी के छात्र 11 क्लबों में मेंबरशिप लेकर अपने टैलेंट को निखारते हैं. जिसके लिए यहां पर तमाम सुविधा उपलब्ध है, कैंपस में छात्रों की चार बजे तक कक्षाएं होती हैं. वर्तमान में ढाई से तीन हज़ार छात्र हैं. अकेले डिबेटिंग क्लब में 1200 छात्र मेंबर हैं.

सवाल के जवाब में सीईसी के महत्व के संबंध में शम्स ने बताया कि किसी भी छात्र की ओवरऑल पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए इस तरह के क्लब की एक्टिविटीज बहुत जरूरी है, यह सारी चीजें छात्र के ज़हन को हल्का भी करती हैं और पढ़ाई के दबाव को भी कम करती हैं.

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अब क्यों नहीं पैदा हो रहे बड़े कलाकार ? अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सीईसी के पूर्व कोऑर्डिनेटर डॉक्टर एफ.एस शिरानी ने बताया कि पहले के मुकाबले अब यूनिवर्सिटी से बड़े कलाकार, सिंगर, डायरेक्टर आदि इसलिए पैदा नहीं हो पा रहें, क्योंकि वर्तमान में सीईसी का माहौल पहले जैसा नहीं रहा जैसे पहले छात्रों को आजादी थी वह आजादी कहीं ना कहीं अब देखने को नहीं मिलती और अब कोऑर्डिनेटर सीईसी को एक विभाग की तरह चलाना चाहते हैं. छात्रों को पढ़ाई के बाद सीईसी में पूरी आजादी होनी चाहिए, जो वह करना चाहते हैं जो वह सोचते हैं वह करें और सीईसी के अधिकारी और स्टाफ उसमें मदद करें जैसा कि पहले का माहौल था और सीईसी को एक विभाग की तरह नहीं चलाया जा सकता.डॉ शिरानी ने बताया क्लास के बाद शाम में जिस छात्र को जिसमें दिलचस्पी हो वह आसानी से वह कर सके जिसको डांस, एक्टिंग, सिंगिंग, म्यूजिक का शौक है वह उसे क्लब में जाकर सीख सके, अपने हॉबीज़ और टैलेंट को निखार सके. छात्रों पर आने-जाने की किसी तरह की पाबंदी नहीं होनी चाहिए. यही वजह है कि पहले जो छात्र इस तरह के एनवायरमेंट में रहें यहां पर शिक्षा हासिल की उन्होंने दुनिया में नाम रोशन किया और वह बड़े कलाकार बने.ये हैं सीईसी के 11 क्लब :


1. क्लब फॉर शॉर्ट इवनिंग कोर्स
2. ड्रामा क्लब
3. इको क्लब
4. फिल्म क्लब
5. ललित कला क्लब
6. लोक और पारंपरिक संगीत क्लब
7. फ्यूज़न संगीत क्लब
8. हिंदुस्तानी संगीत क्लब
9. शौक कार्यशाला
10. साहित्यिक क्लब
11. पश्चिमी संगीत क्लब

अपनी पसंद के मुताबिक सीईसी से फॉर्म लेकर कोई भी एएमयू का छात्र इनमें से किसी भी क्लब का मेंबर बन सकता है. जिसकी शाम को रोजाना प्रैक्टिस भी होती है. अच्छे छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय, इंटर यूनिवर्सिटी और राजकीय स्तर पर मुकाबलों में हिस्सा लेने का मौका दिया जाता है.

यूनिवर्सिटी सीईसी में एक बड़ा ऑडिटोरियम भी है जिसका नाम कैनेडी ऑडिटोरियम है और वॉल ऑफ फेम में एएमयू से निकले लगभग तमाम बड़े कलाकारों की तस्वीरें भी लगी हुई हैं.

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Last Updated : Feb 17, 2025, 5:07 PM IST

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