उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

विवि कर्मी ने की आत्महत्या की कोशिश, परिवार बोला- मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का बेटा करता है मारपीट - Agra personnel suicide attempt - AGRA PERSONNEL SUICIDE ATTEMPT

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के बेटे पर डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कर्मचारी के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं मंत्री ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उनका कहना है कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है.

विवि कर्मी के परिजनों ने मंत्री के बेटे पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
विवि कर्मी के परिजनों ने मंत्री के बेटे पर गंभीर आरोप लगाए हैं. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 16, 2024, 8:37 AM IST

आगरा :योगी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय फिर से सुर्खियों में हैं. इस बार उनके बेटे अलौकिक उपाध्याय पर डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कर्मचारी के परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं. कर्मचारी अस्पताल में भर्ती है. आरोप है कि मंत्री के आवास पर वह बीते दो साल से ड्यूटी पर है. मंत्री के बेटे ने उसके साथ मारपीट की, गाली-गलौज की. इसके आहत होकर उसने जान देने की कोशिश की. लखनऊ तक इस मामले की गूंज है. वहीं मंत्री ने आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है कि उनके आवास पर कोई कर्मचारी काम नहीं करता है. उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है.

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कर्मचारी दिनेश कुमार ने मंगलवार को आत्महत्या की कोशिश की. परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. वहां उसका इलाज चल रहा है. कर्मचारी की पत्नी ने मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के छोटे बेटे अलौकिक उपाध्याय पर मारपीट और अपमानित करने का आरोप लगाया है. उसका आरोप है कि दो साल से उसके पति मंत्री के आवास पर तैनात हैं. आए दिन मंत्री के बेटे मारपीट करते हैं. उन्हें रविवार को भी छुट्‌टी नहीं देते हैं. अपमान से आहत होकर पति ने जान देने का प्रयास किया है.

बता दें कि मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का विवादों से पुराना नाता रहा है. इससे पूर्व 24 नवबंर 2023 को जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ शहीद आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर आगरा पहुंचा था. शहीद कैप्टन के घर पर उच्च शिक्षा मंत्री सरकार की ओर से आर्थिक सहायता राशि का चेक लेकर पहुंचे थे. शहीद की मां का रो-रो कर बुरा हाल था. इस दौरान मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और पूर्व मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश शहीद की मां को 50 लाख का चेक देकर फोटो खिंचवाने लगे. इस पर शहीद की मां ने बिलखते हुए कहा था कि, मेरी प्रदर्शनी मत लगाओ. मुझे मेरा बेटा चाहिए, उसे वापस ला दो. सोशल मीडिया पर यह वीडियो आने के बाद लोगों ने इसकी आलोचना की थी.

इससे पूर्व 26 जनवरी 2023 को विशम्भर दयाल धर्मशाला में बेसमेंट की खोदाई के दौरान 6 मकान गिरने से एक परिवार के 3 लोगों मौत हो गई थी. इनमें एक 4 साल की बच्ची भी शामिल थी. सीएम योगी ने पीड़ित परिवार को दो लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की थी. उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय मुआवजा राशि का चेक देने पहुंचे थे. धरने पर बैठे पीड़ित मुकेश शर्मा और परिवार से मिले. मंत्री मुकेश शर्मा को चेक दे रहे थे, इस दौरान एक व्यक्ति ने मंत्री से अनुरोध किया कि, दो लाख रुपए से क्या होगा. इस पर मंत्री ने चेक वापस लेते हुए गुस्से में कहा कि, चेक लेना है तो लो. मैं दूसरे तरह का नेता हूं. मैं आरोपी को जेल भिजवा देता हूं. ये वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया था.

वहीं आगरा कॉलेज में प्राचार्य की कुर्सी को लेकर जंग में भी उच्च शिक्षा मंत्री चर्चा में आ चुके हैं. पूर्व प्राचार्य अनुराग शुक्ला ने मंत्री से अपनी जान को खतरा बताते हुए गंभीर आरोप लगाए थे. सीएम योगी को पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी थी. वित्तीय अनियमितता के आरोप में अनुराग शुक्ला को निलंबित करके कमिश्नर ने डॉ. सीके गौतम को प्राचार्य बनाया था. मगर, अनुराग शुक्ला हाईकोर्ट गए तो वहां से शासन के निलंबन के आदेश पर स्टे मिल गया.

आगरा के जगदीशपुरा जमीन कांड में पुलिस की खूब किरकिरी हुई. तत्कालीन जगदीशपुरा एसओ जेल गए. करोड़ों की जमीन पर कब्जे को लेकर आगरा से राजधानी तक मामला गया. इस मामले में फतेहपुर सीकरी से मौजूदा सांसद राजकुमार चाहर ने उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के बेटे और बिल्डरों पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाया था. इससे उच्च शिक्षा मंत्री चर्चा में आए. उन्होंने कई बार अपना पक्ष भी रखा. मगर, इस मामले में वादी ही साजिशकर्ता निकले.

डॉ. भीमराव आंबेडर विवि के कर्मचारी दिनेश कुमार के आत्महत्या की कोशिश करने के मामले में मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि पहले भी एक मामले में मुझे और बेटे को फंसाने का प्रयास किया गया था. विरोधियों की साजिश नाकाम रही. उस मामले मेरी कोई भूमिका नहीं निकली थी. ऐसे में अब फिर से उनके खिलाफ साजिश रची गई है. मेरे आवास पर विवि का कोई कर्मचारी काम नहीं कर रहा है. ये सब झूठ है. मेरे खिलाफ षडयंत्र हैं. पहले भी इसी तरह की कई बार साजिश हुई है. विवि इसकी जांच कर रहा है.

विवि कर्मचारी दिनेश कुमार के मामले के बाद अन्य कर्मचारी हंगामा कर रहे हैं. सपा और कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को भी विश्वविद्यालय में हड़ताल रही. कर्मचारियों ने सवाल उठाए कि, आखिर किसके आदेश पर कर्मचारी को मंत्री के यहां तैनात किया गया. सपा के छात्र नेताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री और उनके पुत्र का पुतला दहन किया. मामले में कुलपति प्रो. आशु रानी ने जांच कमेटी गठित की है. इसके साथ ही डैमेज कंट्रोल के लिए डिप्टी रजिस्ट्रार पवन कुमार को हटा दिया है.

यह भी पढ़ें :मल्लिकार्जुन खड़गे बोले-पीएम मोदी जितना राहुल-सोनिया और मुझे गाली देते हैं, उतना तो राम का नाम भी नहीं लेते

ABOUT THE AUTHOR

...view details