लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के रण ने अब तेजी पकड़ ली है. सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने सिपाही मैदान में उतार दिए हैं लेकिन, सत्ताधारी बीजेपी अभी ऐसा नहीं कर पाई है. बीजेपी के सिपाही अभी तय नहीं हो पाए हैं. माना जा रहा है कि ये बीजेपी की नई रणनीति है, जिसके तहत उम्मीदवारों की घोषणा में देरी हो रही है.
इस बीच एक बार फिर से यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को दिल्ली बुलाया गया है. उनके साथ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी बुलाए गए हैं. कहा जा रहा है कि वहां संगठन के उच्च पदाधिकारियों के साथ उम्मीदवारों की लिस्ट पर मंथन हो रहा है. वैसे बता दें कि उपचुनाव का मतदान 13 नवंबर को होना है. जबकि नामांकन पत्र भरने की अंतिम तारीख 25 अक्टूबर है. ऐसे में माना जा रहा है कि आज या कल में भाजपा उम्मीदवार घोषित कर देगी. चुनाव नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से जिस तरह से परास्त हुई उससे उसने बड़ी सीख ली है. जैसे ताश के तीन पत्ती खेल में मंझा हुआ खिलाड़ी ब्लफ खेलता है. उसके पत्ते कुछ और होते हैं और वह दिखाता कुछ और है, वैसे ही भारतीय जनता पार्टी भी कर रही है. लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने जल्दी टिकट घोषित किए थे.
परिणाम यह हुआ था कि भारतीय जनता पार्टी के टिकट को देखकर समाजवादी पार्टी ने कई सीटों पर अपने टिकट बदल दिए थे. जिसकी वजह से समाजवादी पार्टी को अप्रत्याशित जीत मिली थी. इसलिए, अब भारतीय जनता पार्टी विधानसभा उपचुनाव में अपने टिकट वितरण में देरी कर रही है. ताकि समाजवादी पार्टी बीजेपी के उम्मीदवार के हिसाब से अपने टिकट में परिवर्तन न कर पाए.
इसलिए बीजेपी कभी दिल्ली में मीटिंग होने की बात को फैला रही है. कभी सहयोगी दलों के साथ टिकट वितरण पर पेच फंसे होने के मुद्दे को उछाला जा रहा है. इस बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य को दिल्ली बुलाया गया है. दोनों वहां पहुंच भी गए हैं.
इन सारी खबरों के बीच वास्तविकता यह बताई जा रही है कि भाजपा ने अपने 8 उम्मीदवार फाइनल कर दिए हैं. जिनकी घोषणा अंतिम समय पर की जाएगी. बीजेपी इन 9 में से 8 विधानसभा सीट पर ही चुनाव लड़ेगी. एक सीट मीरापुर की है, जहां राष्ट्रीय लोकदल का उम्मीदवार होगा.
भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि इस बार बीजेपी सपा के उस दांव को काटने में लगी हुई है जो अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में खेला था. 2024 की लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने कई सीट पर लगातार टिकट बदल दिए थे. जिसकी वजह से अखिलेश यादव को जबरदस्त आलोचना का भी सामना करना पड़ा था.
इसके बावजूद जब चुनाव परिणाम आया तो अखिलेश के टिकट बदलने का दांव एकदम सही साबित हुआ. इस वजह से इस बार भारतीय जनता पार्टी टिकट वितरण में देरी कर रही है. वह टिकट नामांकन की तिथि के बहुत नजदीक आकर घोषित करेगी. ताकि समाजवादी पार्टी को यह मौका ना मिल सके कि वह अपना उम्मीदवार बदल दे.
इसलिए प्रत्याशी के हिसाब से टिकट देने की समाजवादी पार्टी की स्ट्रैटजी को बीजेपी काट रही है. जिसमें संदेश ही दिया जा रहा है कि बीजेपी की बड़ी बैठक दिल्ली में चल रही है. कभी यह कहा जाता है कि निषाद पार्टी के नेता डॉ. संजय निषाद नाराज हैं. उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है. माना जा रहा है कि संजय निषाद भी एक सीट मांग रहे हैं. उन्होंने भी दिल्ली में डेरा डाल रखा है. इसके बाद मंगलवार की रात उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी दिल्ली पहुंच गए.
इसके बावजूद सूत्रों का यही कहना है कि भाजपा के टिकट तय हो चुके हैं. जिनको दिया जाना है उन्हें बता दिया गया है. वे नामांकन की तैयारी में लगे हुए हैं. दस्तावेज पूरे किए जा रहे हैं. औपचारिक ऐलान का इंतजार है. टिकट में हो रही देरी को लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि पार्टी का केंद्रीय संगठन विचार विमर्श कर रहा है. हम सभी सीट जीतने जा रहे हैं. सहयोगी दलों के साथ में कोई मतभेद नहीं है. जल्द टिकट का ऐलान कर दिया जाएगा.
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