लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा ने नामांकन के अंतिम दिन से पहले अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए. 9 सीट में से भाजपा ने 8 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारे हैं. मीरापुर सीट रालोद के खाते में है. वहां पर रालोद ने मिथलेश पाल को अपना उम्मीदवार बनाया है.
भाजपा की जारी उम्मीदवारों की सूची में गाजियाबाद से संजीव शर्मा, कुंदरकी से रामवीर ठाकुर, करहल से अनुजेश यादव, खैर से सरेंद्र दिलेर, फूलपुर से दीपक पटेल, कटेहरी से धर्मराज निषाद, मझवां से सुचिस्मिता मौर्य को टिकट दिया गया है. इसके बाद शाम को कानपुर की सीसामऊ सीट पर भी टिकट फाइनल हो गया. भाजपा ने यहां से सुरेश अवस्थी को टिकट दिया है.
मंत्री सुरेश अवस्थी 2017 में सीसामऊ से ही चुनाव लड़ चुके हैं. डीएवी कॉलेज से राजनीति में सुरेश अवस्थी ने अपनी पहचान बनाई. बता दें कि यूपी की 9 सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा. मतदान के बाद 23 नवंबर को इनके परिणाम घोषित किए जाएंगे.
उपचुनाव के लिए भाजपा ने सबसे बाद में अपने उम्मीदवार फाइनल किए हैं. इससे पहले समाजवादी पार्टी और बसपा अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. समाजवादी पार्टी इंडी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है. लेकिन, कांग्रेस अपना एक भी उम्मीदवार इस चुनाव में नहीं उतार रही है. इसके चलते सपा ने सभी 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं.
माना जा रहा है कि जितनी सीट कांग्रेस चाह रही थी उतनी सपा देने के लिए तैयार नहीं थी. इसके चलते कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं उतारे. वहीं, भाजपा ने एकदम आखिरी क्षण में अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं. नामांकन का अंतिम दिन कल यानी 25 अक्टूबर को है. उसके ठीक एक दिन पहले भाजपा ने अपने टिकट फाइनल किए हैं. इसे भाजपा की सोची-समझी रणनीति माना जा रहा है.
उपचुनाव में खाली हाथ रह गए मंत्री संजय निषाद: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का निषाद पार्टी से गठबंधन है. यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में निषाद पार्टी बीजेपी से दो सीटों की डिमांड कर रही थी, लेकिन गुरुवार को जब बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा की तो निषाद पार्टी को जोरदार झटका लगा. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद की लाख मिन्नतों के बावजूद बीजेपी ने निषाद पार्टी को एक सीट भी नहीं दी.
यूपी में निषाद पार्टी खाली हाथ रह गई है. पार्टी समर्थक दो सीटें मिलने की उम्मीद जता रहे थे, लेकिन जब एक भी सीट नहीं मिली तो डॉ. संजय निषाद के आवास पर सन्नाटा पसर गया और पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर भी कोई झांकने नहीं आ रहा है. संजय निषाद ने मझवां और कटेहरी विधानसभा सीट की डिमांड की थी. इसके लिए वह पिछले तीन दिन से दिल्ली में डेरा डाले हुए थे.
यहां पर भी केंद्रीय नेतृत्व समय नहीं दे रहा था. हालांकि काफी कोशिशों के बाद उनकी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई. उन्हें भरोसा भी मिला कि दो नहीं तो कम से कम एक सीट तो उनके हिस्से आ ही जाएगी. संजय निषाद इस बात पर भी राजी थे पर जब गुरुवार को भाजपा ने मझवां और कटेहरी विधानसभा सीट पर भी अपने ही प्रत्याशियों को उतार दिया तो मंत्री डॉ. संजय निषाद की उम्मीदों पर पानी फिर गया.