वाराणसी :धर्म नगरी वाराणसी को तीर्थाटन के नजरिए से ही देखा जाता है, लेकिन अब इसे ईको टूरिज्म का केंद्र बनाया जा रहा है. यहां आने वाले पर्यटक बाबा विश्वनाथ के दर्शन के साथ ही एडवेंचर टूरिज्म का लुत्फ भी उठा सकेंगे. वाराणसी के सटे, चंदौली , मिर्जापुर में एडवेंचर टूरिज्म के बेहतर विकल्प हैं. यहां पहाड़ों के सुंदर जाल और बहते झरने एडवेंचर टूरिज्म का अहसास दिलाते हैं. उत्तर प्रदेश टूरिज्म अब इन स्थानों को वाराणसी टूरिज्म से जोड़ने जा रहा है.
वाराणसी में विश्वनाथ धाम बनने के बाद लाखों की संख्या में पर्यटकों का आगमन हो रहा है. पर्यटक बनारस के घाट, मंदिर व गलियों का भ्रमण करते हैं. वाराणसी मंडल में पर्यटकों को नए पर्यटन स्थल का अहसास दिलाने के लिए पर्यटन विभाग ने इको टूरिज्म के स्कोप को देखते हुए नया प्लान बनाया है. इसके तहत बनारस को केंद्र में रखा जाएगा. इसके जरिए चंदौली और मिर्जापुर मंडल में मिर्जापुर, सोनभद्र को इको टूरिज्म के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा. इससे काशी आने वाले पर्यटक इन स्थानों पर जाकर न सिर्फ यहां के क्षेत्र का भ्रमण कर सकेंगे बल्कि यहां से जुड़ी ऐतिहासिक जानकारी भी हासिल कर सकेंगे.
घाट के साथ अब घूमने को मिलेगा झरना और जंगल :पर्यटन उपनिदेशक आर के रावत ने बताया कि, यदि हम बनारस और मिर्जापुर मंडल को देख तो मिर्जापुर मंडल में बड़ी संख्या में पर्यटक मां विंध्यवासिनी के दरबार में दर्शन के लिए आते हैं. वहीं सोनभद्र, चंदौली में जाकर नेचुरल ब्यूटी फॉरेस्ट को देखने की इच्छा भी रखते हैं. ऐसे में इन जंगलों तक पर्यटकों के पहुंच की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है. मार्ग बेहतर किया जा रहा है. जंगल के मानकों को ध्यान में रखते हुए पार्क, बेंचेज व अन्य मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाएगा. इसके साथ ही जो माउंटेन के एरिया हैं, वहां पर भी कैसे पर्यटकों की पहुंच बन सके, वहां पर कैसे क्लाइंबिंग कराई जा सके, इन सब का प्लान बनाया जा रहा है.