लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में इंडी गठबंधन को उत्तर प्रदेश में मिली सफलता के बाद से यह माना जा रहा था कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच में यह गठबंधन 2027 के विधानसभा चुनाव तक चलेगा. पर हरियाणा में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन फाइनल नहीं होने का असर उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
उपचुनाव को लेकर होने वाली बैठक के बारे में बताते कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. मनीष हिंदवी (Video Credit; ETV Bharat) हालांकि, समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हरियाणा में इंडी गठबंधन को समर्थन का एलान किया है. पर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जब उत्तर प्रदेश के उपचुनाव की घोषणा होगी तो अखिलेश यादव यहां पर अपने प्रभुत्व और समाजवादी पार्टी के वर्चस्व को आगे कर कांग्रेस पर दबाव बनाएंगे.
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि जिस दिन अखिलेश यादव ने हरियाणा में चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी, उसके बाद से ही उत्तर प्रदेश में उपचुनाव को लेकर दोनों पार्टियों के बीच में बातचीत लगभग बंद हो गई थी.
अब बुधवार शाम को प्रदेश के दौरे पर आ रहे राष्ट्रीय महासचिव और उप प्रभारी अविनाश पांडे ने संकेत दिए हैं कि वह उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ फिर से गठबंधन की बातचीत को आगे बढ़ाएंगे. ऐसे में हरियाणा का असर यूपी के उपचुनाव पर ना दिखे या आने वाले महाराष्ट्र के चुनाव के लिए रास्ता निकाला जाए इसकी उम्मीद बढ़ गई है.
अखिलेश यादव उपचुनाव में कांग्रेस को देना चाह रहे सिर्फ 2 सीट:लोकसभा चुनाव के बाद सपा इसी गठबंधन के सहारे दूसरे राज्यों में भी अपने विस्तार को पंख देना चाह रही थी. सपा ने हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस को गठबंधन का प्रस्ताव दिया था. इस प्रस्ताव पर विचार के दौरान यूपी में 10 सीटों पर गठबंधन की बातचीत शुरू हुई थी. सपा 2 सीटें कांग्रेस को देने पर विचार कर रही थी. इसके बदले तीन-चार सीट हरियाणा और 5 सीट महाराष्ट्र में मांग रही थी. लेकिन हरियाणा में कांग्रेस की क्षेत्रीय इकाई के प्रभाव में यह गठबंधन नहीं हो सका.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस का सपा के साथ गठबंधन का संकेत:कांग्रेस सूत्रों के अनुसार अब भी बातचीत की संभावना खुली है. यूपी में कांग्रेस के गठबंधन पर इसका फिलहाल कोई असर नहीं है. कांग्रेस के कुछ नेताओं के मुताबिक महाराष्ट्र में गठबंधन के विकल्प पर पार्टी ने विचार किया है. यूपी के उपचुनाव भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ ही प्रस्तावित हो सकते हैं.
ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी यूपी में गठबंधन के साथ ही महाराष्ट्र में भी गठबंधन में चुनाव लड़े. समाजवादी पार्टी का महाराष्ट्र में ऐसे तो कोई बड़ा जनआधार नहीं है. पर मुंबई की एक दो विधानसभा सीटों पर उसका अच्छा प्रभाव है. ऐसे में पार्टी वहां कम से कम तीन सीटें मांग रही है.
विधानसभा प्रभारी और प्रदेश सचिव के साथ होगी बैठक:कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और मीडिया सेल के वाइस चेयरमैन डॉ. मनीष हिंदवी ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव यूपी प्रभारी अविनाश पांडे दो दिवसीय दौरे पर बुधवार को लखनऊ आ रहे हैं. शाम को पार्टी के सभी प्रदेश सचिव पदाधिकारी के अलावा इन दसों विधानसभा सीटों पर प्रभारी बनाए गए लोगों के साथ बैठक होगी.
कांग्रेस यूपी उपचुनाव में चाहती है 5 सीट: डॉ. मनीष हिंदवी ने बताया कि बैठक में पार्टी यह देखेगी की उपचुनाव में 5 सीटों पर समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की बात की जाए. पार्टी किन सीटों पर किस आधार पर चुनाव लड़ना चाहती है, इसकी समीक्षा की जाए. उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर शीर्ष नेतृत्व की तरफ से पॉजिटिव संकेत मिले हैं. उनके साथ गठबंधन को लेकर जो भी बात होगी वह सिर्फ नेतृत्व ही तय करेगा. प्रदेश प्रभारी और समाजवादी पार्टी के नेताओं के बीच में राष्ट्रीय स्तर पर बातचीत दोबारा से शुरू हुई है.
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