जयपुर. गुजरात के राजकोट से बीजेपी के उम्मीदवार परशोत्तम रुपाला के राजपूत को लेकर दिए गए बयान के बाद लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है. गुजरात के बाद अब विरोध की आग राजस्थान में भी पहुंच गई है. चित्तौड़ सहित कई जिलों में राजपूत समाज की ओर से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. महिलाएं सड़कों पर हैं और रुपाला के इस्तीफे की मांग कर रही हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले समाज में उठे इस विरोध के बवंडर ने दिल्ली तक बीजेपी की नींद उड़ा दी है. यही वजह है कि विरोध से हो रहे डैमेज को कंट्रोल करने के लिए भाजपा ने केंद्रीय राजपूत नेताओं को दूत बनाकर राजस्थान भेजना शुरू कर दिया है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद अब वीके सिंह ने राजस्थान में राजपूत समाज के संगठनों से मुलाकात की. यहां वो न केवल फीडबैक ले रहे हैं, बल्कि राष्ट्रहित में भाजपा को समर्थन देने का आग्रह भी कर रहे हैं. हालांकि, इन दोनों में केंद्रीय राजपूत नेताओं से जिन राजपूत संगठनों की मुलाकात हुई है, उनमें से ज्यादातर भाजपा से जुड़े हुए नेता शामिल हुए. जो संगठन विरोध कर रहे हैं वह इस मुलाकात में शामिल नहीं हुए.
पार्टी के नेतृत्व सजग हैं, मुद्दों पर सोचेंगे :परशोत्तम रुपाला के बयान ने लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात, राजस्थान सहित कई राज्यों में विरोध की आग को भड़का दिया है. इस विरोध के बीच डैमेज को कंट्रोल करने जयपुर पहुंचे सड़क सुरक्षा एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह ने भी माना की कुछ समाज के मुद्दे हैं, जिन पर केंद्रीय नेतृत्व सोच रहा है. वीके सिंह ने राजपूत समाज के अलग अलग संगठनों के प्रतिनिधियों से बंद कमरे में हुई मुलाकात पर कहा कि समाज के लोगों से मुलाकात हुई है, कुछ उनकी परेशानियां हैं. उनके कुछ मुद्दे हैं. बात सुनी गई है. पार्टी का नेतृत्व पूरी तरह से सजग है और वो इसे देखने की कोशिश कर रहा है. बता दें कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने राजस्थान में राजपूत समाज के संगठनों से मुलाकात की उनमें से ज्यादातर भाजपा से जुड़े हुए नेता शामिल हुए. जो संगठन विरोध कर रहे हैं, वह इस मुलाकात में शामिल नहीं हुए.