भोपाल: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में महिलाओं और लाडली बहनों को खास सौगात दी है. ये सौगात खास उन महिलाओं के लिए है, जो ग्रामीण इलाकों में रहकर अपना कारोबार खड़ा करना चाहती हैं. निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में इन महिलाओं के लिए ऐलान किया कि सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं की आर्थिक मजबूती के लिए दो नई योजनाएं लेकर आई है. इनमें महिलाओं को अपना उद्योग खड़ा करने, टर्म लोन के साथ पहली बार उद्योग शुरू करने वाली महिलाओं को 5 लाख की मदद की जाएगी. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को मालामाल करने का बजट में क्या प्लान है जानते हैं.
ग्रामीण महिलाओं को केंद्रीय बजट में गिफ्ट
बजट में महिला वर्ग के लिए वित्तमंत्री सीतारमण ने खास सौगात दी है. उसमें भी इस बात का ध्यान रखा है कि ये सौगात उनकी आर्थिक मजबूती के लिए होगी. बजट में महिलाओं को लेकर जो दो ऐलान किए गए हैं, वे खास तौर पर अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की महिलाओं के लिए हैं. ये वे महिलाएं हैं जो मुख्य धारा से अभी दूर हैं. ग्रामीण इलाकों में रहते हुए कैसे छोटी रकम से ये अपना कारोबार सरकारी मदद से खड़ा कर सकती हैं. ये सौगात इसी सोच के साथ बजट में दी गई है.
एससी एसटी महिलाओं के बिजनेस के लिए मिलेगा लोन (ETV Bharat) इस तरह से महिलाओं को मिलेगा फायदा
निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बताया कि सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण के लिए जो दो नई योजनाएं लांच की है. इसमें 5 लाख अनुसूचित जाति और जनजाति की महिला उद्यमियों को 5 साल की अवधि के लिए टर्म लोन दिया जाएगा. जिसके जरिए वे अपना कारोबार खड़ा कर सकेंगी. इसी तरह जो महिलाएं पहली बार उद्योग शुरू करने जा रही हैं, उन्हें 5 लाख रुपए की मदद अगले पांच साल में दी जाएगी ताकि वे अपना कारोबार खड़ा कर सकें और आर्थिक मजबूती पा सकें.
इस सौगात से बदलेगी तस्वीर
अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए काम करने वाली संस्था वसुधा की प्रमुख गायत्री परिहार ने वित्त मंत्री के इस कदम की सराहना की है. वे कहती हैं "खास तौर पर अनुसूचित जाति और जनजाति की जो महिलाएं हैं उनके लिए बहुत काम किया जाना बाकी है. इस नजरिए से देखें तो बजट में इन महिलाओं को दी गई ये सौगात उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की तरफ एक जरूरी कदम कहा जा सकता है. उम्मीद है कि यह स्कीम उनके जीवन में बदलाव लाएगी."
मध्य प्रदेश में एससी-एसटी आबादी 36 फीसदी से ज्यादा
मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति की आबादी 15 फीसदी से ज्यादा है. वहीं अनुसूचित जनजाति की आबादी 21 फीसदी के करीब पहुंचती है. जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में हर पांचवा व्यक्ति अनुसूचित जनजाति से संबंध रखता है. सोशल एक्टिविस्ट गायत्री बताती हैं "धार, झाबुआ, अलीराजपुर के इलाकों में आज भी इस आबादी की महिलाएं रोजगार के लिए मजदूरी पर निर्भर हैं. कई बार एमपी से सटे दूसरे राज्यों में मजदूरी के लिए पलायन भी करती हैं. ग्रामीण इलाकों में इनके लिए इकनोमिक मॉडल खड़ा नहीं हो पाया है, जो इनकी मदद कर सके."