शिमला: हिमाचल प्रदेश के बेरोजगार शारीरिक शिक्षक पिछले 7 सालों से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं. बेरोजगार शारीरिक संघ अब सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आया है. आरोप है कि स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को अभी तक नहीं भरा जा रहा है. बेरोजगार शिक्षक पिछले 11 दिनों से शिमला में अनशन पर बैठे हैं.
शनिवार को चौड़ा मैदान में बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ रोष रैली निकाली और सरकार को 870 शारीरिक शिक्षकों के पदों को जल्द भरने की मांग की साथ ही चेतावनी भी दी कि यदि सरकार जल्द इन पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू नही करती है तो प्रदेश के 22 हजार बेरोजगार शिमला में उग्र प्रदर्शन शुरू करेंगे.
'सरकार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू न करने का आरोप'
बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष रमेश राजपूत ने कहा कि, 'सरकार ने शारीरिक शिक्षकों के 870 पदों को भरने की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन कोर्ट में जाने की वजह से भर्ती लटक गई थी. अब कोर्ट ने मामले को डिसमिस कर दिया है अब को इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया को शुरू करना चाहिए. कई बार सरकार के ध्यान में मामला लाया गया, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिला. आज मजबूरन बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों को धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है.'
सीएम आवास के बाहर धरने की चेतावनी
रमेश राजपूत ने कहा कि 'लगभग 22 से 25 हजार बेरोजगार शारीरिक शिक्षक नौकरी का इंतजार कर रहे हैं. 25 साल से ज्यादा का समय शारीरिक शिक्षकों की ट्रेनिंग किए हुए हो गए हैं, लेकिन सरकार नौकरी नहीं दे रही है. अब 45 से 50 साल की उम्र हो गई है ऐसे में कब नौकरी करेंगे. यदि सरकार जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करती है तो प्रदेश भर के बेरोजगार शिमला में मुख्यमंत्री की आवास के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे.'
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