लखनऊ: ट्रेनों में हो रही बेकाबू भीड़ को नियंत्रित कर पाना रेलवे प्रशासन पर भारी पड़ गया. ट्रेन संख्या 19408 वाराणसी-अहमदाबाद एक्सप्रेस में शनिवार रात सुल्तानपुर और निहालगढ़ स्टेशन पर भीड़ ने एस-1 कोच पर कब्जा कर लिया. यही नहीं, पेंट्री कार वालों ने अपना सामान रखकर गेट लॉक कर दिया. इसके चलते रिजर्व टिकट लेकर यात्रा कर रहे लोगों का न सिर्फ ट्रेन से उतरना दिक्कतों भरा हो गया, बल्कि महिलाएं टॉयलेट तक नहीं जा पाईं. रेलवे की वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करने पर अधिकारियों ने अनसुना कर दिया. आरपीएफ के जिम्मेदार भी नहीं जागे. यात्रियों को अपना सफर काफी दिक्कतों के साथ पूरा करना पड़ा.
राजधानी के आलमबाग स्थित पवनपुरी निवासी प्रमोद शुक्ल अपनी पत्नी रश्मि, बेटी श्रेयांशी और रिद्धिमा के साथ वाराणसी में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शिरकत कर वाराणसी-अहमदाबाद एक्सप्रेस से लौट रहे थे. उनके पास एस-1 कोच की चार सीटों का आरक्षित टिकट था. प्रमोद बताते हैं कि वाराणसी से चलने के कुछ देर बाद ही पेंट्रीकार वालों ने इस कोच के एक गेट पर सामान रखकर लॉक कर दिया. इसके बाद सुल्तानपुर और निहालगढ़ स्टेशन पर आरक्षित कोच में 30 से 40 लोग घुस आए. भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि कहीं पैर रखने तक की जगह नहीं बची.
प्रमोद का कहना है कि उनकी बेटियां और पत्नी टॉयलेट तक नहीं जा सकीं. इसकी शिकायत उन्होंने रेलवे की वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर पर की, लेकिन मदद नहीं मिली. प्रमोद का कहना है कि रेलवे ने जिस एसटीई को शिकायत निस्तारण की जिम्मेदारी दी. उन्होंने तो यह कहकर मना कर दिया कि एस-1 कोच वह नहीं देख रहे. आरपीएफ के एएसआई ने लखनऊ पहुंचने से पहले सूचना देने की बात कही. ट्रेन लखनऊ पहुंच गई, लेकिन आरपीएफ की टीम तब पहुंची, जब वह किसी तरह अपना सामान लेकर नीचे उतर आए. .