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छुट्टी पर गए 2 IFS अफसरों को मोहन यादव ने मीटिंग में बुलाया, नहीं आए तो की 'छुट्टी'

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत पर सीएम मोहन यादव की समीक्षा बैठक, सूचना के बावजूद छुट्टी से नहीं लौटने वाले 2 IFS अधिकारी सस्पेंड.

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10 हाथियों की मौत पर मोहन यादव की समीक्षा बैठक (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 3, 2024, 10:48 PM IST

Updated : Nov 4, 2024, 12:36 PM IST

उमरिया: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 जंगली हाथियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 2 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के संचालक आईएफएस गौरव चौधरी और सहायक वन संरक्षक फते सिंह निनामा पर कार्रवाई की गई है. मुख्यमंत्री ने हाथियों की मौत के मामले में एक बार फिर समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने आदेश के बाद भी अधिकारियों के छुट्टी से न लौटने पर नाराजगी जताई और निलंबित करने के आदेश दिए.

घटना के बाद भी छुट्टी से नहीं लौटे

मुख्यमंत्री के निर्देश पर वन विभाग ने फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए. बताया जाता है कि 10 हाथियों की मौत की घटना के बाद भी फील्ड डायरेक्टर छुट्टी से वापस नहीं लौटे. इस दौरान उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ था. इसको अखिल भारतीय सेवा नियम 1968 के नियम 3 का उल्लंघन माना गया और इस आधार पर उन्हें निलंबित कर दिया गया. निलंबन अवधि में उन्हें प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख कार्यालय में पदस्थ किया गया है.

उमरिया में हाथियों के मौत की समीक्षा (ETV Bharat)

उधर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सहायक वन संरक्षक फते सिंह निनामा को भी निलंबित कर दिया गया. उन्हें 10 जंगली हाथियों की मौत के मामले की जांच में बेहतर तरीके से नेतृत्व न करने और अधिकांश कार्रवाई को अपने अधिनस्थ अधिकारी कर्मचारियों पर छोड़ देने के आरोप लगाए गए. उनके इस कृत्य को मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियमों का उल्लंघन मानते हुए निलंबित कर दिया गया. उन्हें वन बल प्रमुख कार्यालय में पदस्थ किया गया है.

2 आईएफएस अधिकारी निलंबित (ETV Bharat)

फसल में नहीं मिला किसी तरह की जहरीली दवा

मुख्यमंत्री निवास में बुलाई गई बैठक में वन विभाग के तमाम आला अधिकारी मौजूद थे. वन विभाग के एसीएस अशोक वर्णवाल ने मुख्यमंत्री को ग्राउंड रिपोर्ट से अवगत कराया. बताया गया कि प्राथमिक जांच में जिस फसल को हाथियों ने खाया, उसमें किसी तरह का कीटनाशक नहीं पाया गया है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने में अभी 2 से 3 दिन का और समय लगेगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक में फील्ड डायरेक्टर को निलंबित करने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि "जंगली हाथी के वन क्षेत्र में आने के बाद से ही उन पर निगाह बनाई जानी चाहिए थी, जिसमें लापरवाही हुई है." बैठक में सीएम ने गुस्साए हाथियों की चपेट में आने से मौत होने वाले मृतक ग्रामीण के परिजन को दी जाने वाली राहत राशि को 8 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने के निर्देश दिए.

हाथियों की मौत पर अधिकारी सस्पेंड (ETV Bharat)

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हाथियों को लेकर कई अहम फैसले

मुख्यमंत्री कि बैठक में हाथियों को लेकर कई अहम फैसले भी किए गए हैं. जैसे हाथी टास्क फोर्स बनाने का फैसला किया गया है, इसके अलावा अन्य राज्यों के बेस्ट प्रैक्टिसेज को भी शामिल किया जाएगा. जहां बड़े पैमाने पर हाथी पाए जाते हैं कर्नाटक, केरल, असम यहां भी अपने अधिकारियों को भेजने की तैयारी है. ताकि उनके बारे में और जानकारी हासिल कर सकें. इसके अलावा एक हाथी मित्र का भी एक दल बनाने का निर्णय लिया गया है.

Last Updated : Nov 4, 2024, 12:36 PM IST

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