उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भक्त दिल खोलकर दान कर रहे हैं. महाकाल लोक के निर्माण के बाद न केवल यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है बल्कि यहां दान करने वाले भी नया रिकॉर्ड बना रहे हैं. भगवान शिव के इस अति प्राचीन मंदिर की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. जनवरी से लेकर 13 दिसंबर 2024 तक महाकालेश्वर मंदिर में 1 अरब 65 करोड़ रुपए का दान आया है.
मंदिर में दान में आई रकम गिनते कर्मचारी (Etv Bharat)
महाकाल के खजाने में कैश, सोना, चांदी
इस वर्ष 13 दिसंबर तक महाकाल के खजाने में आए दान की गिनती हुई है, जिसके मुताबिक 1 अरब 65 करोड़ का दान मंदिर को प्राप्त हुआ है. इस दान में सोना ,चांदी और नगद राशि शामिल है. उज्जैन महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष और उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया, ''जनवरी 2024 से 13 दिसंबर 2024 तक मंदिर को 1.65 अरब रु की आय हुई है. यह आय पिछले वर्षों की तुलना में तीन गुना अधिक है.''
श्रद्धालुओं की दानवर्षा से मंदिर की रिकॉर्ड आय (Etv Bharat)
दान/वस्तु/सेवा
मूल्य
399 किलो चांदी
2.42 करोड़ रु
1.5 किलो सोना
95.29 लाख रु
दान पेटी नगदी
43.85 करोड़ रु
शीघ्र दर्शन
48.99 करोड़ रु
भस्म आरती
90.90 लाख रु
अभिषेक सेवा
5.92 करोड़ रु
अन्न क्षेत्र
12.32 करोड़ रु
धर्मशाला बुकिंग
5.90 करोड़ रु
फोटोग्राफी
7.73 लाख रु
ध्वजा बुकिंग
7.92 लाख रु
उज्जैन बस सेवा
7.27 लाख रु
लड्डू प्रसाद
53.50 करोड़ रु
अन्य आय
23.96 करोड़ रु
विशेष सुरक्षा के बीच खोली जाती हैं दान पेटियां
महाकाल प्रबंध समिति के मुताबिक, महाकाल मंदिर के दान की गिनती के लिए कर्मचारियों की विशेष ड्यूटी लगाई जाती है. इस दौरान मंदिर परिसर में विशेष सुरक्षा बल व अधिकारियों की उपस्थिति में दान पेटियां खोली जाती हैं और कर्मचारी दान की गिनती करते हैं. इसके साथ ही सुनार सोना-चांदी व अन्य जेवरातों का आंकलन करते हैं. इस दौरान सभी कर्मचारियों को चेकिंग से होकर गुजरना होता है, वहीं सभी की जेबें सिली हुई होती हैं.
जनवरी 2024 से 13 दिसंबर तक कुल 165 करोड़ रु का दान (Etv Bharat)
दानदाताओं का होगा विशेष सम्मेलन
इस वर्ष महाकाल मंदिर को पिछले वर्ष की तुलना में 3 गुना ज्यादा दान मिला है. इसे देखते हुए दानदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करने और उन्हें विशेष सुविधाएं देने के लिए आयोजन भी होगा. कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया, '' जल्द ही दानदाताओं का एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. इसमें दानदाताओं के लिए विशेष सुविधाओं और दान को और अधिक प्रोत्साहित करने के उपायों पर चर्चा होगी.'' यह भी पढ़ें-
महाकाल मंदिर समिति के मुताबिक, '' मंदिर समिति इस अभूतपूर्व आय का उपयोग भक्तों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने व मंदिर क्षेत्र का विकास करने में करेगी. आगामी दानदाता सम्मेलन मंदिर को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.'' गौरतलब है कि इस वर्ष महाकाल मंदिर से भक्त 53.50 करोड़ रु मूल्य की लड्डू प्रसादी भी लेकर गए, जो भक्तों की आस्था और श्रद्धा को दर्शाता है.