उज्जैन: नागदा में मंगलवार को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किया गया. हालांकि, इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम से एक अजीबो गरीब वाक्या सामने आया है. इस कार्यक्रम में एक जोड़ा शादी के बंधन में बंधने को बैठा तो जरूर पर विवाह की रस्में पूरी नहीं की. विवाह करने के लिए दोनों ने न तो फेरे लिए और ना ही वधु की मांग भरी गई. इसके बाद जब वर-वधु से कारण पूछा गया तो चौंकाने वाली बात सामने आई.
सीएम कन्यादान योजना का लाभ लेने के लिए फर्जी शादी! सामूहिक विवाह कार्यक्रम में हुआ खुलासा - UJJAIN FAKE WEDDING NEWS
उज्जैन में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत हो रही सामूहिक विवाह कार्यकम्र में एक जोड़ा सिर्फ औपचारिकता के लिए बैठा. कांग्रेस ने उठाए सवाल.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Nov 14, 2024, 12:23 PM IST
|Updated : Nov 14, 2024, 2:53 PM IST
इस शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, जिसमें यह जोड़ा कह रहा है कि उनकी असली शादी फरवरी में होने वाली है. वीडियो में दूल्हा और दुल्हन ये भी स्वीकार कर रहे हैं कि वो इस कार्यक्रम में शादी केवल दिखावे के लिए कर रहे थे. ऐसा उन्होंने जनप्रतिनिधियों के कहने पर किया है. उन्होंने कहा कि उनको योजना का लाभ उठाने के लिए शादी करने को कहा गया है. वहीं इस मामले पर कांग्रेस ने स्थानीय नेताओं पर सवाल उठाए हैं.
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'15 किलोमीटर पर बदल जाते हैं रीति-रिवाज'
इस मामले को लेकर जब नागदा विधायक तेजबहादुर सिंह बात की गई तो उन्होंने कहा, " मध्य प्रदेश और हिंदुस्तान में हर 10 से 15 किलोमीटर पर रीति रिवाज बदल जाते हैं. सामूहिक विवाह कार्यक्रम शुरू होने से पहले वो जोड़ा हमसे मिलने आया था, उन्होंने कहा था कि हम केवल वर्णमाला एक दूसरे को पहनाएंगे. अगर मुझे पता होता कि ऐसा होगा तो हम उनको इसमें बैठने ही नहीं देते. उनको अलग से बैठने को बोलते. सामूहिक विवाह में बहुत कम समय मिलता है, इसमें सारा पूजा और विधि विधान नहीं हो पाता. इसलिए बाकी का काम घर पर भी जाकर करते हैं. वो अपने अनुसार शादी कर सकते हैं. इसको विषय नहीं बनाना चाहिए."