उज्जैन। हर चुनाव में शिप्रा में नाले मिलने का मुद्दा गर्माता है. पिछले सप्ताह जब सीवरेज लाइन फूटने से नालों का गंदा पानी शिप्रा में मिला तो हड़कंप मच गया. उज्जैन सीट से कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार ने शिप्रा में मिल रहे नालों के पानी के बीच डुबकी लगाकर सरकार पर हमला बोला था. महेश परमार ने कहा था "सरकार कहती है शिप्रा के शुद्धिकरण में करोड़ों रुपये खर्च हो गए लेकिन हकीकत ये है कि शिप्रा की हालत बद से बदतर हो गई है. शिप्रा के शुद्धिकरण के नाम पर भारी भ्रष्टाचार हुआ है."
लोकसभा चुनाव के बीच शिप्रा का मामला गर्माया
लोकसभा चुनाव के बीच शिप्रा में गंदगी का मामला गर्माने से जिला प्रशासन के साथ नगर निगम के होश उड़ गए. आननफानन में शिप्रा का सारा गंदा पानी बहाकर नर्मदा का नया पानी भरा गया. क्योंकि उज्जैन में पंचक्रोशी यात्रा शुरू हो गई है. ऐसे में श्रद्धालुओं को साफ पानी में स्नान करने का मौका मिले. इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को शिप्रा नदी में स्नान करने पहुंचे. सीएम ने शिप्रा का पूजन भी किया. मोहन यादव ने शिप्रा में कई बार डुबकी लगाई और तैरे भी.
सीएम बोले-मई में भी शिप्रा में पर्याप्त पानी है
मोहन यादव उज्जैन के क्षिप्रा नदी स्थित दत्त अखाड़ा घाट किनारे पहुंचे. इस मौके पर सीएम ने कहा "शिप्रा का पानी हरा भरा है. मई के महीने में भी पानी है. नदी में स्नान करने का आनंद ही अलग है. मुख्यमंत्री ने शुरू होने वाली पंचकोशी यात्रा में बड़ी संख्या में उज्जैन आने वाले यात्रियों के लिए कहा कि सबको शुद्ध जल मिले. श्रद्धालुओं के लिए सभी प्रबंधन हमारी सरकार ने किए हैं. मैंने खुद स्नान करके जल का आचमन करके मां शिप्रा का आशीर्वाद लिया. मां सब पर कृपा करें."