उज्जैन।महाकाल की नगरी में अभिनेत्री हेमा मालिनी ने अपनी शानदार नृत्य कला से सबका मन मोह लिया. यहां आयोजित विक्रम उत्सव में हेमा मालिनी ने साथी कलाकारों के साथ शिवदुर्गा नृत्य नाटिका की ऐसी प्रस्तुति दी कि मानो भगवान महाकाल की नगरी में उनके स्वरूप में मां दुर्गा अवतरित हो गई हों. यहां प्रस्तुत नृत्य नाटिका में उन्होंने मां दुर्गा और सती के साथ कई रूपों में प्रेम,भक्ति और रौद्र रस का भावपूर्ण मंचन किया.
शिव-सती कथा से हेमा मालिनी ने की शुरुआत
विक्रमोत्सव में शिरकत करने पहुंची हेमा मालिनी ने अपने ग्रुप के साथ शिव सती कथा,दक्ष वध,शिव तांडव,बम लहरी,शिव पार्वती विवाह,नमस्तस्यै की प्रस्तुति दी. हेमा मालिनी ने नृत्य नाटिका की शुरुआत शिव सती कथा से की. जिसमें सती का किरदार निभाते हुए उन्होंने बेहतरीन प्रस्तुति दी. इस दौरान प्रेम,भक्ति व रौद्र रस के भावपूर्ण नृत्य मंचन ने दर्शकों का मन मोह लिया. रंगारंग कार्यक्रम में हेमा मालिनी की प्रस्तुति देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. दर्शकों ने बीच-बीच में हर-हर महादेव का उद्घोष कर कलाकारों की ऊर्जा में चार-चांद लगा दिए.
शिव-पार्वती विवाह और महिषासुर वध का मंचन
हेमा मालिनी ने दुर्गा सप्तशती पर आधारित नृत्य नाटिका दुर्गा का मंचन किया. हेमा मालिनी की नृत्य नाटिका और महिषासुर मर्दिनी रूप की प्रस्तुति ने सभागार में बैठे दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया. हेमा मालिनी ने माता पार्वती, नौदुर्गा रूप, चंडी, सती समेत कई रूप में नृत्य प्रस्तुत किया. इस दौरान शिव-पार्वती विवाह और महिषासुर का वध पूरे गीत-संगीत और शास्त्रीय नृत्य में पिरोकर दिखाया गया, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया.
'महाकाल की नगरी में प्रस्तुति देना मेरा सौभाग्य'
मंच से हेमामालिनी ने जय-जय महाकाल कहते हुए सभी को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि "महाकाल की नगरी में नृत्य नाटिका दुर्गा प्रस्तुत करते हुए बहुत ही खुशी का अनुभव हो रहा है. यहां प्रस्तुति देना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. आप सब लोग यहां पर आकर पधारे हैं यह प्रोग्राम देखने के लिए इसके लिए धन्यवाद. मैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी का बहुत-बहुत धन्यवाद करती हूं. शिवरात्रि के एक दिन पहले हमारा यह नृत्य नाटक प्रस्तुत हो रहा है".बता दें कि कार्यक्रम में हेमा मालिनी की प्रस्तुति देखने सीएम मोहन यादव भी पहुंचे थे.