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चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में प्रजा का हाल जानने निकले बाबा महाकाल, जयकारों से गूंजी महाकाल नगरी - UJJAIN BABA MAHAKAL SAWARI

सोमवार को महाकाल की तीसरी सवारी निकाली गई. भगवान महाकालेश्वर, चंद्रमौलेश्वर के स्वरूप में पालकी में सावर होकर प्रजा का हाल जानने निकले.

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चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में भगवान महाकाल ने दिया दर्शन (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 18, 2024, 8:44 PM IST

उज्जैन: बाबा महाकाल की सोमवार को शाम 4 बजे सवारी निकाली गई. यह मार्गशीर्ष (अगहन) माह की पहली और कार्तिक-मार्गशीर्ष माह की तीसरी सवारी थी. भगवान श्री महाकालेश्वर अपने चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में प्रजा का हाल जानने पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले थे. क्षिप्रा नदी के जल से अभिषेक के बाद सवारी वापस महाकाल मंदिर पहुंची. इस दौरान रास्ते भर भक्तों ने बाबा महाकाल का जयकारे लगाएं.

उज्जैन कलेक्टर और एसपी ने किया पूजन

सोमवार को महाकाल की तीसरी सवारी निकाली गई. इससे पहले महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में महाकाल के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया. उज्जैन कलेक्टर और एसपी ने भगवान का पूजन-अभिषेक किया. इसके बाद महाकालेश्वर का क्षिप्रा नदी के जल से अभिषेक कर रजत पालकी में विराजित किया गया. पालकी को मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने सलामी दी. सवारी के आगे-आगे तोपची, पुलिस बैंड, घुड़सवार दल और सशस्त्र पुलिस बल के जवान चल रहे थे.

अगहन माह की तीसरी सवारी निकाली गई (ETV Bharat)

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चंद्रमौलेश्वर के रूप में महाकाल ने दिया दर्शन

सवारी महाकाल मंदिर से प्रारंभ होकर महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची. यहां क्षिप्रा के पवित्र जल से भगवान चंद्रमौलेश्वर का अभिषेक किया गया. इसके बाद सवारी ने गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हुए वापस महाकालेश्वर मंदिर पहुंची. मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया, "सवारी परंपरा और गरिमा का पूरी तरह से पालन करते हुए निकाली गई. महाकाल की सवारी देखने के लिए नगर वासियों में भारी उत्साह देखा गया."

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