अजमेर.शहर के निकट तबीजी ग्राम पंचायत में हाईवे से सटे 40 बीघा भूभाग पर स्थित राजीव गांधी स्मृति वन को सन 2000 से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के वारिसों का इंतजार है. करोड़ों रुपए की लागत से बने इस पार्क का उद्देश्य शहर और ग्रामीण लोगों को सुकून के पल देना था, लेकिन अफसोस पार्क बनने के बाद से इसके भीतर आमजन को प्रवेश नहीं मिला. पार्क के बीच शानदार डिजाइननुमा स्ट्रेक्चर पर लगी आदमकद भारत रत्न पूर्व पीएम राजीव गांधी की मूर्ति खड़ी है, लेकिन उसके नीचे शिलालेख पट खाली है. नजदीकी हाईवे से राहुल गांधी व पूर्व सीएम अशोक गहलोत इस बीच के कालखण्ड में यहां से गुजर चुके हैं. बावजूद इसके, राजीव गांधी पार्क का उद्धार नहीं हो पाया. हर दिन पार्क दुर्दशा का शिकार हो रहा है.
अजमेर रेलवे स्टेशन से करीब 15 किलोमीटर दूर अजमेर वाया ब्यावर जोधपुर नेशनल हाईवे पर तबीजी ग्राम पंचायत में 40 बीघा भूमि पर सन 2000 में तत्कालीन यूआईटी ने पार्क का निर्माण करवाया था. यह पार्क पुष्कर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है. उस वक्त कांग्रेस से श्रीगोपाल बाहेती यूआईटी के चेयरमैन थे. करोड़ों रुपए की लागत से पार्क के लिए चार दीवारी करवाई गई. पार्क के भीतर घूमने के लिए पाथ-वे बनाया गया. बच्चों के लिए छोटा स्विमिंग पुल भी है. बच्चों के खेलने के लिए झूले लगाए गए. पार्क में कैंटीन की व्यवस्था के लिए भी स्थान भी बनाया गया. पार्क का सौंदर्यकरण भी किया गया. छायादार और फूलदार पेड़-पौधों से पार्क की शोभा को बढ़ाया गया और पार्क में चारों और हरी मुलायम लोन लगाई गई. पार्क के बीचों-बीच सुंदर डिजाइन का स्ट्रक्चर बनाकर उसके ऊपर भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आदम कद प्रतिमा भी लगाई गई थी.
दुर्दशा का शिकार हो रहा है पार्क :पार्क में चार दिवारी और मुख्य दरवाजों की दुर्दशा हो रही है. लोन की जगह पार्क में जंगली घास लगी हुई है. पार्क में लगे झूलों पर कभी कोई बच्चा नहीं बैठा. झूलों को देखकर लगता है कि जंग झूलों के लोहे पर नहीं सिस्टम को लग गया है. राजीव गांधी की मूर्ति पर कपड़ा लगाया गया था, लेकिन वक्त के थपेड़ों ने उस कपड़े को भी हटा दिया. पार्क में लोगों की जगह बकरियां घूमती हुई नजर आती है.
तत्कालीन यूआईटी अब अजमेर विकास प्राधिकरण बन चुका है, लेकिन पार्क का उद्धार और उद्घाटन दो दशक बाद भी नहीं हुआ. पार्क राजनीति में उलझा रहा. कांग्रेस के नेता भक्ति में शक्ति नहीं ला पाए और भाजपा ने कोई सरोकार पार्क से नहीं रखा. 23 वर्षो में कांग्रेस और भाजपा दोनों की ही सरकार प्रदेश में रही. वर्तमान में बीजेपी की प्रदेश में सरकार है. लोगों को उम्मीद है कि गहलोत सरकार में पार्क का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ तो अब जनता को इसमें प्रवेश तो कम से कम भजनलाल सरकार दिला ही सकती है. भले ही बीजेपी के राज में पार्क में लगी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मूर्ति का अनावरण उनके परिवार के सदस्य से बाद में होता रहे. जब 23 वर्ष गुजर गए तो कुछ वर्ष ओर सही, लेकिन जनता के पैसे से बने पार्क की सौगात जनता को मिलनी ही चाहिए.
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