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फिरोजाबाद में नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म का मामला, दो आरोपियों को 10-10 साल की सजा, जानिए पूरा मामला

Firozabad News : श्रावस्ती में महिला का अपहरण करने वाले को सात साल की सजा.

कोर्ट ने सुनाई सजा
कोर्ट ने सुनाई सजा (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 12, 2024, 9:21 PM IST

फिरोजाबाद/श्रावस्ती : जिले की विशेष पॉस्को कोर्ट ने नाबालिग का अपहरण और दुष्कर्म के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए 10-10 साल कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उन पर अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर दोषियों को अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, मामला थाना खैरगढ़ क्षेत्र से जुड़ा है. यहां के एक गांव निवासी नाबालिग किशोरी (15) को 25 जनवरी 2022 को एक युवक बहला फुसला कर ले गया और उसने उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. युवक ने उसे शिकोहाबाद ले जाकर छोड़ दिया, जहां एक कूड़ा बीनने वाले लड़के ने भी उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. पीड़िता ने इस मामले में परिजन को जानकारी दी. जिसके बाद परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराया, साथ ही साक्ष्य इकट्ठे किये और गवाहों के बयान के आधार पर के बाद आरोपी सौरभ और शानू के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया.

मुकदमे की सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय पॉस्को) मुमताज अली की अदालत में हुई. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक संजीव शर्मा ने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए. गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने सौरभ तथा शानू को दोषी माना. न्यायालय ने दोनों को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. न्यायालय ने सौरभ पर 30 हजार पांच सौ तथा शानू पर 25 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया है. अर्थदंड न देने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

श्रावस्ती में महिला का अपहरण करने वाले को सात साल की सजा :जान से मारने की नीयत से महिला का अपहरण करने के 11 साल पुराने मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम मिलन सिंह ने मंगलवार को दोषी को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि न अदा करने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी केपी सिंह ने बताया कि गिलौला क्षेत्र के रहने वाले मकबूल ने 21 अक्टूबर 2013 को गिलौला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी विवाहित पुत्री अजीजुन्निशा को 13 अक्टूबर 2013 की शाम करीब पांच बजे रिजवान, साबिर निवासी भिखारी पुर मसढ़ी व ग्राम मसौली के सोरैय्या पुरवा निवासी उमर, शाकिर अली अपनी मोटर साइकिल पर बैठाकर लेकर चले गए हैं और उसकी पुत्री को मारकर कहीं गायब कर दिया है. शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि इस तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय पर भेजा. दौरान विचारण मोहम्मद उमर की मृत्यु हो गई. मामले के विचारण के दौरान जिला जज राम मिलन सिंह ने रिजवान को दोषी करार देते हुए दंडित करने का आदेश दिया है, जबकि आरोपी साबिर और शाकिर को संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त कर दिया है.

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