राजसमंद. जिले के कांकरोली थाना क्षेत्र में मासूम से सामूहिक बलात्कार के मामले न्यायाधीश पूर्णिमा गौड़ ने बड़ा फैसला सुनाया है. न्यायालय ने मासूम बालिका से गैंगरेप को लेकर गंभीर अपराध मानते हुए आरोपियों को जीवन की आखिरी सांस तक जेल की सलाखों में रहने का दंड सुनाया है. साथ ही दोनों ही आरोपियों को 25- 25 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है. साथ ही अदालत ने गैंगरेप की पीड़ित किशोरी को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत 5 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने के आदेश दिए हैं.
पॉक्सो कोर्ट राजसमंद के विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि कांकरोली थाना क्षेत्र में 11 साल की मासूम बच्ची से सामूहिक बलात्कार के मामले में पॉक्सो कोर्ट राजसमंद की न्यायाधीश पूर्णिमा गौड़ ने सुनवाई पूरी की. साथ ही विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य द्वारा 24 गवाह व 33 दस्तावेजी साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए. न्यायाधीश द्वारा गवाह को सुनने व दस्तावेज साक्ष्य देखने के बाद नाबालिग किशोरी से बलात्कार के आरोप में खाखरमाला निवासी तारू व कैलाश को दोषी माना. विशिष्ट लोक अभियोजक द्वारा न्यायालय में डीएनए रिपोर्ट भी पेश की गई, जिसमें आरोपी कैलाश व तारु की डीएनए प्रोफाइल पीड़िता के पेटीकोट से ली गई मिक्स डीएनए प्रोफाइल से मैच पाई गई. इस तरह न्यायालय द्वारा तारु पुत्र चोखा तथा कैलाश पुत्र मोहन को दोष सिद्ध घोषित कर दिया.न्यायालय द्वारा कैलाश व तारू को धारा 363 भारतीय दंड संहिता के तहत प्रत्येक आरोपी को 7 वर्ष का कठोर कारावास व 5000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। साथ ही धारा 5(g)/ 6 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत दोनों आरोपी ( प्रत्येक को) को आजीवन (ताउम्र) कठोर कारावास व 20 हजार अर्थदंड से दंडित किया है.