उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

बयान ने फिर त्रिवेंद्र और उमेश कुमार की राजनीतिक लड़ाई को किया ताजा, हरिद्वार में आ सकते हैं आमने-सामने - Trivendra Singh Rawat

Political fight between Trivendra Singh Rawat and Umesh Kumar उमेश कुमार के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान ने दोनों के बीच सियासी लड़ाई को ताजा कर दिया है. ऐसे में सोशल मीडिया पर भी हरिद्वार सीट से त्रिवेंद्र के सामने उमेश कुमार को दावेदार बनाया जा रहा है. दोनों के समर्थक जमकर एक-दूसरे पर कटाक्ष कर रहे हैं. उमेश कुमार ने अपनी दावेदारी को लेकर अभी तक कोई पुख्ता बयान जारी नहीं किया है.

photo- ETV BHARAT
फोटो-ईटीवी भारत

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 16, 2024, 8:13 PM IST

Updated : Mar 16, 2024, 8:34 PM IST

देहरादूनःचुनाव आयोग ने आज लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान कर दिया है. साथ ही यह भी बता दिया है कि अगली सरकार कब तक बन जाएगी. उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने उम्मीदवार उतार दिए हैं. लेकिन दूसरी तरफ विपक्षी दल कांग्रेस ने अब तक उत्तराखंड की तीन ही लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. नैनीताल-उधमसिंह नगर और हरिद्वार सीट पर अभी भी उम्मीदवारों का ऐलान होना बाकी है.

बताया जा रहा है कि हरिद्वार लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. इसी कारण हरीश रावत लगातार दिल्ली में जमे हुए हैं. उधर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी इन दो सीटों को लेकर पार्टी के आला नेताओं के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं. जबकि इसी बीच 2 दिन पहले ही निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की है. ये मुलाकात काफी गोपनीय रही. ऐसे में जानकार मानते हैं कि हरिद्वार सीट पर बड़ा 'खेला' होने जा रहा है. भाजपा ने हरिद्वार सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत को चुनाव मैदान में उतारा है.

त्रिवेंद्र के बयान से फिर हुआ दुश्मनी का जन्म:भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून पहुंचे. इस दौरान मीडिया ने हरिद्वार सीट पर उमेश कुमार के प्रत्याशी बनने पर सवाल किया तो त्रिवेंद्र ने राजनीति की पिच पर मजे हुए खिलाड़ी की तरह कहा कि वे उमेश कुमार को नहीं जानते. त्रिवेंद्र के इस बयान ने उमेश कुमार के साथ उनकी राजनीतिक दुश्मनी को फिर से जन्म दे दिया है. सोशल मीडिया में भी इस हरिद्वार लोकसभा सीट से त्रिवेंद्र सिंह रावत और उमेश कुमार ही आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर त्रिवेंद्र और उमेश के बीच समर्थक बंटे हुए हैं.

इस तरफ शुरू हुई दुश्मनी:दरअसल, त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान उमेश कुमार ने आरोप लगाया था 2016 में झारखंड के 'गौ सेवा आयोग' के अध्यक्ष पद पर एक व्यक्ति की नियुक्ति को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घूस ली थी. ये आरोप इतने गंभीर थे कि राज्य में बवाल मच गया था. उमेश कुमार ने आरोप में कहा था कि 'जब ये सब हुआ तब, त्रिवेंद्र रावत झारखंड भाजपा प्रभारी थे. उन्होंने ये भी आरोप लगाते हुए दावा किया था कि घूस की रकम उनके रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर की गई थी. इसके बाद मामले में नाम आने पर प्रोफेसर हरेंद्र सिंह रावत ने 31 जुलाई 2020 को देहरादून थाने में उमेश कुमार के खिलाफ ब्लैकमेलिंग समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.

मुकदमे के अनुसार, उमेश कुमार ने सोशल मीडिया में खबर चलाई थी कि प्रोफेसर हरेंद्र सिंह रावत और उनकी पत्नी डॉ. सविता रावत के खाते में नोटबंदी के दौरान झारखंड से अमृतेश चौहान ने पैसे जमा किए थे. यह पैसे त्रिवेंद्र सिंह रावत को देने को कहा था. इसमें डॉ. सविता रावत को मुख्यमंत्री की पत्नी की सगी बहन बताया गया है. वहीं, हरेंद्र सिंह रावत ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि ये सभी तथ्य निराधार हैं. उमेश कुमार ने बैंक के कागजात फर्जी बनवाएं हैं. उमेश ने उनके बैंक खातों की सूचना गैर कानूनी तरीके से प्राप्त की है. इसके बाद त्रिवेंद्र सरकार ने उमेश कुमार पर गैंगस्टर के तहत भी कार्रवाई की थी. वहीं एफआईआर दर्ज होने के बाद उमेश कुमार ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पैरवी की थी.

लंबी चली थी लड़ाई:इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उमेश के खिलाफ सरकार बनाम उमेश का मामला चलाया. इसके बाद त्रिवेंद्र मुख्यमंत्री रहते हुए उमेश के ऊपर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर जेल भी भिजवा दिया था. इसके बाद ये मामला हाईकोर्ट कोर्ट पहुंचा. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ गंभीर आरोपों को देखते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. कोर्ट ने यह आदेश उमेश कुमार व अन्य के खिलाफ राजद्रोह मामले में सुनवाई के बाद दिया था. कोर्ट ने उमेश के खिलाफ चल रहे राजद्रोह के मामले को रद्द कर दिया था. बाद में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सरकार बनाम उमेश शर्मा के खिलाफ एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की थी.

क्या होगी हरिद्वार में दोनों के बीच चुनावी जंग:वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी कहते हैं कि भाजपा ने त्रिवेंद्र का नाम सोच समझ कर दिया है. त्रिवेंद्र और हरिद्वार (नगर) विधानसभा से भाजपा विधायक मदन कौशिक दोनों बेहद खास हैं. अगर त्रिवेंद्र की जीत होती है तो मदन का सबसे बड़ा रोल होगा. लेकिन ये इतना आसान नहीं है. उमेश की पहचान बनाने में सिर्फ उमेश ही नहीं, भाजपा के नेता भी शामिल हैं. प्रणव सिंह से लड़ते-लड़ते उमेश राजनीति में आए और अब लोकसभा में दावेदारी करने से कांग्रेस को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है. आदेश कहते हैं कि अगर हरिद्वार से वीरेंद्र चुनाव लड़े तो ये ठीक वैसा होगा, जैसे कांग्रेस थाली में सजा कर इस सीट को दे रही है. हरिद्वार में कांग्रेस का बेहतर जनाधार है. उसके बाद भी चुनाव का एक कदम भी कांग्रेस की तरफ से बढ़ता दिखाई नहीं दे रहा है.

कांग्रेस कर रही अक्सर ये गलती: राजनीतिक जानकार सुनील दत्त पांडे कहते हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत बड़ा चेहरा हैं और अनुभव उनके साथ है. इसलिए कांग्रेस को भी इन सब पहलुओं को देखना होगा. पांडे कहते हैं कि कांग्रेस की यही सब खामियां रही है, कांग्रेस हर काम में देरी कर रही है. वहीं उमेश और त्रिवेंद्र पर सवाल पूछे जाने पर सुनील पांडे कहते हैं कि उमेश ने ग्रामीण क्षेत्र में अपना दायरा बढ़ाया है, वे सभी वोटर कांग्रेस के हैं. उसमें हिन्दू मुस्लिम सभी जाती के लोग हैं. त्रिवेंद्र के पास एक कैडर वोट बैंक है.

ये भी पढ़ेंःहरिद्वार से उमेश कुमार के चुनाव लड़ने के सवाल पर बोले त्रिवेंद्र, 'मैं नहीं जानता उसको', उमेश ने बताया था 'भ्रष्ट'

ये भी पढ़ेंःउमेश कुमार ने त्रिवेंद्र को बताया भ्रष्ट, बोले- BJP ने उसे प्रत्याशी बनाया, जिसे भ्रष्टाचार के कारण सीएम पद से हटाया था

Last Updated : Mar 16, 2024, 8:34 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details