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रामोजी राव को दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि, ईटीवी ग्रुप के पुराने साथियों ने साझा किए विचार - Ramoji Rao - RAMOJI RAO

ईनाडु ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव को श्रद्धांजलि देने के लिए छत्तीसगढ़ फिल्म और विजुअल आर्ट सोसाइटी ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. जिसमें छत्तीसगढ़ के पत्रकार जो ईटीवी से जुड़े रहे हैं उन लोगों ने अपनी बातों को रखा. सभी पत्रकारों और सिने जगत से जुड़े कलाकारों ने रामोजी राव जी को श्रद्धासुमन अर्पित किए.

Tribute to Ramoji Rao in Raipur
रामोजी राव को दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि (Tribute to Ramoji Rao in Raipur)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 19, 2024, 5:43 PM IST

रायपुर :रामोजी रावपत्रकारिता में निष्पक्षता के मापदंडों के आधार बिंदु रहे हैं. छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता अगर दिशा पाई है. जहां पत्रकारों के हितों की ही बात होती रही है तो उसके आधार स्तंभ रामोजी राव रहे हैं. आज पूरे भारत की पत्रकारिता और मीडिया हाउस को देख लिया जाए तो शायद ही कोई ऐसा ऑर्गेनाइजेशन होगा जहां ईटीवी और रामोजी के स्नेह वाली पत्रकारिता के छांव में सीख करके जाने वाले पत्रकार ना हो. पद्म विभूषण रामोजी राव के लिए आयोजित श्रद्धांजलि सभा में छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने अपने विचार रखते हुए इन बातों को साझा किया है.

हितेश व्यास, सीनियर असिस्टेंट न्यूज एडिटर IBC24 :वरिष्ठ पत्रकार हितेश व्यास ने कहा कि "रामोजी राव का जो विजन था वह पत्रकारिता में समय के साथ नहीं समय के आगे चलने वाला भी रहा है. 3 महीने पर उनकी मीटिंग होती थी, जिसमें यह बातें होती थी कि आगे करना क्या है. पत्रकारिता के मापदंड क्या होने चाहिए. यह आदरणीय श्री रामोजी राव सर की प्राथमिकता में रहता था. मेरी दो पारी ईटीवी के साथ रही, वहां से बहुत कुछ सीखने को मिला और निश्चित तौर पर एक आदर्श मूलक पत्रकारिता क्या होती है. रामोजी राव उसके प्रेरणा स्रोत रहे हैं. आदरणीय रामोजी राव गारू का शुभ अंक 9 रहा है."

शैलेष पाण्डेय, इनपुट एडिटर, INH न्यूज :आईएनएच के इनपुट एडिटर ने ईटीवी के दरमियान अपने किए कम और रामोजी राव के साथ हुई बातचीत के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि "रामोजी राव एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जो अपने कर्मचारियों को अपने बच्चों के तौर पर मानते थे". उन्होंने कहा कि "उनके अध्ययन इतने सूक्ष्म होते थे उसका उत्तर किसी के पास नहीं होता था. पहले शुरुआती दौर में ईटीवी पर महिला और फिल्मों के कार्यक्रम चलते थे जिसे लेकर मैंने उनसे कहा इन कार्यक्रमों को बंद कर दिया जाए. जिस पर उनका कहना था कि ईटीवी पर चलने वाले कार्यक्रम को 11 करोड़ से ज्यादा महिलाएं देखती हैं. इस कार्यक्रम को बंद नहीं किया जा सकता. जो भी चीज ईटीवी पर चलती थी उसका इतना गहन अध्ययन और इतनी मजबूत समीक्षा उनके पास होती थी कि उसका उत्तर किसी के पास नहीं होता था .इतने परखी व्यक्तित्व के धनी थे रामोजी राव गारू जी."

संजय शेखर, वरिष्ठ पत्रकार : संजय शेखर ने कहा कि "रामोजी राव गारू एक ऐसे मालिक थे. जो कर्मचारी के हितों के लिए ज्यादा सजग रहते थे. अगर कोई व्यक्ति हैदराबाद जाता था तो उनके लिए रेलवे स्टेशन पर आदमी उनके नाम लिखी हुई तख्ती लेकर खड़ा रहता था. उनके कार्यालय पहुंचने से पहले उनके सारे इंतजाम होते थे. वह किसी होटल में रहेंगे कहां खाएंगे यह सारी तैयारी वहां पर रहती थी. अपने कर्मचारियों के लिए इतनी छोटी-छोटी चीजों पर नजर रखना और इतना स्नेह करना इतने बड़े व्यक्ति के बड़ी सोच के तहत ही हो सकता है. कोई सामान्य व्यक्तित्व इसकी कल्पना भी नहीं कर सकता. ईटीवी भारत ने कभी खबरों के साथ समझौता नहीं किया. एक खबर हम लोगों ने छत्तीसगढ़ से चलाई. उसको रोकने के लिए छत्तीसगढ़ का पूरा शासन जुट गया लेकिन वह खबर नहीं रुकी. खबर सही थी और उसके बाद जिनके बारे में यह खबर चली थी अगले दिन उन्हें इस्तीफा देना पड़ा, तो सच वाली पत्रकारिता के लिए रामोजी राव ने कभी समझौते वाली बात नहीं की."

पुनीत पाठक, सीनियर असिस्टेंट न्यूज एडिटर IBC 24: पुनीत पाठक ने कहा कि "सपनों में सोची जाने वाली चीजों को हकीकत में कौन जमीन पर उतार सकता है. ऐसी परिकल्पना को पूरा करने वाले व्यक्ति रामोजी राव रहे हैं. रामोजी फिल्म सिटी जाने पर यह अनुभव हुआ कि इतनी विराट सोच को कोई बहुत विजनरी व्यक्ति ही साकार कर सकता है, और वो सिर्फ रामोजी राव ही हो सकते हैं. ईटीवी में जो लोग रहे हैं और आज जहां भी नेतृत्व पर हैं. वह तमाम लोग यह बात मानते हैं कि आदर्श पत्रकारिता को जो भाव रामोजी राव ने लोगों के भीतर भरा है, वह जिंदगी भर कायम रहेगा."

विकास शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार : विकास शर्मा रामोजी राव गारु के बारे में अपने अनुभव को साझा करते हुए भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि" कल्पनाओं को हकीकत का रूप देना रामोजी राव गुरु जी की मूल शख्सियत रही है. जब लोग खबरों के बारे में सोचते थे तो उन्होंने इनाडु को लॉन्च कर दिया. जब टीवी जर्नलिज्म की बात आई तो उन्होंने टीवी मीडिया को इतने व्यापक पैमाने पर लाने का काम कि आज वह एक आलेख बन गया. बात दृष्टि की है कि कोई कितना बृहद सोचता है. इसके सबसे बड़े आधार आदरणीय रामोजी राव गारू रहे हैं." विकास शर्मा ने कहा कि "मैं 4 सालों तक रामोजी फिल्म सिटी में काम किया मैं सिर्फ कल्पनाओं में सोचता रहता हूं कि 9वें फ्लोर पर अभी भी चैयरमैन सर रामोजी राव होंगे .लेकिन अब यह भी एक विचार मेरे मन में आता है कि अब 9वें फ्लोर पर कौन होगा.यह भाव कई बार मन को विचलित भी करता है. मैं थोड़े समय तक ही ईटीवी में रहा लेकिन जो कुछ सीख वह मेरे जीवनपर्यंत काम आ रहा है."

संजीव शुक्ला,वरिष्ठ पत्रकार : ETV के साथ अपने पत्रकारिता के कामकाज के अनुभव को साझा करते हुए संजीव शुक्ला ने कहा कि "आज से 25 साल पहले अगर किसी मीडिया जगत के मालिक को इस बात की चिंता हो कि बस्तर जैसी जगह पर मेरा टू एमबी सेंटर होना चाहिए तो यह बहुत बड़ी बात है. संजीव शुक्ला ने कहा कि आज जो भी मीडिया हाउस है उन्हें रामोजी राव जी से सीखना चाहिए कि पत्रकार को सिर्फ पत्रकार रहने दें तभी पत्रकारिता जीवित रहेगी. पत्रकार सिर्फ पत्रकार रहे इस आदर्श वाली पत्रकारिता को रामोजी राव गारू ने बेहतर तरीके से निभाया है. वो पत्रकारों से सिर्फ खबरों की बात करते थे. आजकल पत्रकार सुबह उठकर खबर खोजने के बजाय बिजनेस ढूंढने निकल जाता है.आज सुबह जब पत्रकार उठता है तो खबरों को छोड़कर के बाकी दूसरी चीजों को ही सोचता रहता है. शायद वह संस्थान को खबर ना भी दे तो भी कोई दिक्कत नहीं है. संस्थान यही सोचते रहते हैं वो कितना बेहतर लाइजनिग संस्थान के लिए कर दें. आज की जो विभिन्न संस्थाओं के मालिक हैं या नए पैसे वाले लोग जो मीडिया में आ रहे हैं उनके लिए आज उनका चैनल या मीडिया संस्थान सिर्फ निजी फायदे का विषय रह गया है. मीडिया संस्थानों के मालिक सिर्फ यही सोचते हैं कि कोई मंत्री उनके घर आ जाए , बड़े अधिकारी उनके बेटे के जन्मदिन में आ जाएं, या फिर उनका काम निकल जाए. पत्रकारिता में निष्पक्षता का एक अभाव सा दिखता है. ईटीवी और रामोजी ग्रुप इस मामले में औरों से अलग खड़ा दिखता है. यह आवश्यक भी है कि अगर पत्रकार सिर्फ पत्रकार रहेंगे तो ही पत्रकारिता के मूल आधार जीवित रहेंगे."

प्रफुल्ल पारे,वरिष्ठ पत्रकार : प्रफुल्ल पारे ने अपना अनुभव को साझा करते हुए कहा कि मैं उस दौर में ईटीवी में था, जब ईटीवी रीजनल मीडिया को लांच कर रहा था. जब मैं छत्तीसगढ़ आया तो यहां पर कार्यालय अजीब स्थिति में था. जिलों में काम करने के लिए लोग भी नहीं थे, क्योंकि अधिकांश लोग प्रिंट मीडिया के थे और उन्हें कैमरा चलाने नहीं आता था. हम लोग हैदराबाद से सीख करके आते थे और यहां लोगों को कैमरा चलाना सिखाते थे. सीखने वाली पत्रकारिता को भी पैसा देकर के अगर किसी ने चलाया है तो वह ईटीवी है.

प्रफुल्ल जी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि "एक बार जब मेरी मुलाकात सर से हुई तो मैं उनसे कहा कि ईटीवी कहीं दिखाई नहीं देता है अगर आप कहें तो जो केबल वाले मेरे परिचित हैं मैं उनसे बात करूं. चैयरमैन सर ने कहा कि यह काम आपका नहीं है. यह काम करने के लिए दूसरे लोग हैं. आपका काम सिर्फ खबरों पर ध्यान देना है और सिर्फ खबरों के लिए ही काम करिए. पत्रकारिता में खबरों के लिए पत्रकारों को समर्पित भाव से काम करने के लिए अगर किसी ने प्रेरित किया है तो सिर्फ रामोजी राव हो सकते हैं". जब मैं हैदराबाद गया था तो कुछ लोग वहां ऐसे भी थे जो लोग परीक्षाएं दे रहे थे. मैं उसी हॉल में बैठा था, लेकिन मैं परीक्षा नहीं दे रहा था. मुझे इस बात की चिंता हुई कि शायद में सेलेक्ट नहीं हुआ. 10 मिनट बाद मुझे बुलाया गया और जब यह मैंने पूछा कि मुझे परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र नहीं मिले तो उन्होंने कहा कि आपका 8 साल से ज्यादा पत्रकारिता का अनुभव प्रिंट मीडिया में है, आपसे क्या लिखवाना है. रामोजी सर को लोगों की परख थी."

सुभाष मिश्र, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ फिल्म एवं विजुअलआर्ट :सुभाष मिश्रा ने कहा कि "कोई व्यक्ति कल्पना को किस तरीके से सरकार कर सकता है, इसका सबसे जीता जागता उदाहरण रामोजी फिल्म सिटी है. जब छत्तीसगढ़ का बंटवारा हुआ तो यहां पर एक फिल्म बनी और फिर इस बात की कमी भी खली कि हमें अपने राज्य में फिल्म बनाने के लिए संसाधनों का विकास करना चाहिए. हम लोग कई राज्यों में गए, रामोजी फिल्म सिटी भी घूम करके आए, उसका प्रपोजल भी हम लोगों ने सरकार को दिया. अजीत जोगी की सरकार चली गई, तीन बार रमन सिंह की सरकार बनी और सरकार चली गई. उसके बाद भूपेश बघेल आए उनकी भी सरकार चली गई. अब वर्तमान में सरकार चल रही है बस फिल्म सिटी की बात आगे नहीं बढ़ पाई. वह फाइल कहां है इसका पता नहीं है. अगर उस चीज को कोई सरकार कर सकता है तो उसका उदाहरण रामोजी राव हैं. रामोजी फिल्म सिटी से जिस आलेख का चित्रण रामोजी राव ने किया है वह हमेशा स्मृतियों में जीवित रहेंगे."

मनोज सिंह बघेल,एडिटर न्यूज 24 : मनोज सिंह ने अपने ईटीवी के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि जब मैं हैदराबाद गया तो इस बात की चर्चा काफी तेज थी कि मेरे पास पत्रकारिता की कोई डिग्री नहीं है. मेरा सामान्य ज्ञान और पढ़ाई ठीक थी क्योंकि मैं उसे समय प्रतियोगिता की तैयारी करता था. मुझे डर इस बात का था कि पत्रकारिता की डिग्री नहीं है तो शायद हमें वह तवज्जो ना दी जाए. ईटीवी एक ऐसा संस्थान रहा है जहां डिग्री को नहीं काबिलियत को तवज्जो दी गई. मेरे पास पत्रकारिता की डिग्री नहीं थी लेकिन मुझे ईटीवी ने अवसर दिया और मैं पत्रकारिता में काम कर सकता हूं. इसकी परख आदरणीय श्री रामोजी राव सर ने की. ऐसे तमाम लोग जो पत्रकारिता की डिग्री नहीं भी रखते थे उन लोगों को एक बेहतर प्लेटफार्म ईटीवी के तौर पर मिला. यह परम आदरणीय रामोजी राव के विचारों और उनकी सोच से ही संभव था."

प्रकाश होता, वरिष्ठ पत्रकार :प्रकाश होता ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि "रीजनल मीडिया में संपादक जैसा भी पद होता है इसके जनक और इसे पैदा करने वाले रामोजी राव थे . पहले संपादक का पद दिल्ली में होता था. हैदराबाद में होता था या बेंगलुरु में होता था . लेकिन राज्यों में संपादक होंगे इस सोच को लेकर आने वाले रामोजी राव रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं छत्तीसगढ़ राज्य में टीवी मीडिया में पहला ऐसा संपादक रहा हूं और मेरा सौभाग्य है इस अवसर को मुझे रामोजी राव सर ने दिया". प्रकाश होता ने कहा कि "सच है या झूठ है इस चीज का पता करना है तो आप ईटीवी देखिए.यानी आपके अंदर खबरों को लेकर कितनी क्रेडबिलिटी है,इस बात को यदि आपने गांठ बांध ली तो रामोजी के लिए इससे बड़ी श्रद्धांजलि नहीं हो सकती है."

भूपेंद्र दुबे, ब्यूरो चीफ ईटीवी भारत :कार्यक्रम का आभार व्यक्त करते हुए ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ भूपेंद्र दुबे ने कहा कि "आज छत्तीसगढ़ में जो लोग आदरणीय श्री रामोजी राव सर के श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए हैं, यह उनके द्वारा तैयार की गई पत्रकारों की या उनके विचारों से प्रेरित एक ऐसी अमिट लेख है. जो हम तमाम लोगों के व्यक्तित्व निर्माण में अहम भूमिका अदा कर रही है. कोई व्यक्ति जीवन में कितना प्रासंगिक और तथ्य परख राह दे जाता है यह अपने कर्मचारियों के लिए रामोजी राव की मूल कल्पना का भाव रहा है. छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता जगत के जो लोग भी यहां मौजूद हैं वह भले विभिन्न संस्थाओं में हैं लेकिन जिन लोगों ने अपनी सेवाएं ईटीवी में दी हैं उन सभी लोगों ने पत्रकारिता में आगे बढ़ने का काम किया है. जो उनके अपने मूल विकास और व्यक्तित्व के लिए भी काफी अहम है. छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता में जिस भी पद पर लोग बैठे हुए हैं जिस भी संस्थान में हैं, यह काम के लिए अलग-अलग बात के तहत हो सकता है लेकिन जितने लोग हैं सभी निष्पक्ष पत्रकारिता की बात में रामोजी राव के विचारों से खुद को अलग नहीं कर पाए हैं. इस मंच पर सबकी मौजूदगी यही बताती है. उनके किसी एक विचार को पूरे जीवन भर अगर हम रख लेते हैं तो यह है परम आदरणीय रामोजी राव जी के लिए हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी."

श्रद्धांजलि सभा के लिए आयोजित कार्यक्रम में मंच का संचालन NPG मीडिया के यूट्यूब चैनल की डिप्टी न्यूज एडिटर प्रज्ञा प्रसाद ने किया. कार्यक्रम में IBC24 के डिप्यूटी एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर राजीव कुमार, जुल्फिकार, सोनू कुमार, कौशिक कुमार मौजूद रहे. टीआरपी के संपादक उचित शर्मा ,दैनिक भास्कर के सिद्धार्थ श्रीवासन, न्यूज 24 के वैभव शिव पांडेय, साधना न्यूज के स्टेट हेड आरके गांधी भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने. रफ्तार न्यूज के स्टेट हेड स्वरूप भट्टाचार्य, पत्रकार राजीव कुमार शर्मा, फास्ट न्यूज़ के एडिटर दीपक वर्मा, पत्रकार मनीष कुमार, न्यूज 24 के पत्रकार राजेंद्र, एनडीटीवी के स्टेट इंचार्ज प्रवीण शाह, ग्रैंड न्यूज के सुनील केशरवानी ने भी इस कार्यक्रम में सहभागिता दी. ग्रैंड न्यूज के गौरव यादव, एशियन न्यूज के अखिल पांडेय के साथ ही कार्यक्रम के आयोजनकर्ता एशियन न्यूज के इनपुट एडिटर आशीष तिवारी मौजूद रहै. वहीं ईटीवी भारत परिवार की तरफ से छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ संवाददाता प्रवीण कुमार सिंह, वरिष्ठ उप संपादक दीपक पांडेय, पत्रकार रितेश तंबोली, ईटीवी भारत के दुर्ग संवाददाता कोमेंद्र सोनकर और ईटीवी भारत भिलाई संवाददाता अतुल शर्मा और कैमरामैन गौरव उपस्थित थे.

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