एक दशक से पेड़-पौधों में जान फूंक रही ट्री एम्बुलेंस (ETV Bharat Jaipur) जयपुर. आपने इंसानों और जानवरों के लिए एम्बुलें तो सुना ही होगा, लेकिन आज हम आपको ऐसी एम्बुलेंस के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पेड़ों में जान डालने का काम करती है और उन्हें जीवन देती है. ये है जयपुर की 'ट्री एम्बुलेंस', जो पिछले 10 सालों से पेड़-पौधों को सांसें देने का काम कर रही हैं. इसी का नतीजा है कि आज जयपुर के विद्याधर नगर इलाके में सबसे अधिक हरियाली नजर आ रही है. विद्याधर नगर की ट्री एम्बुलेंस टीम 10 ने न केवल पेड़ों को बचाया, बल्कि पिछले दस साल में एक लाख 35 हजार से अधिक पौधे भी लगाए.
पेड़-पौधों के लिए वरदान :पर्यावरण संरक्षण दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है. आम से लेकर खास तक इसे लेकर गंभीर हैं. जागरूक लोग अपने-अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए मुहिम भी चला रहे हैं. जयपुर के विद्याधर नगर के रहने वाले सुशील कुमार अग्रवाल ने भी अपने स्तर पर 10 साल पहले 5 जुलाई 2014 को ट्री एम्बुलेंस की शुरुआत की. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया था. तब से आज तक ये पेड़-पौधों के लिए वरदान साबित हुआ है.
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10 साल पूरे होने पर नए पेड़ भी लगाए : दस साल पूरे होने पर ट्री एम्बुलेंस टीम 10 के संस्थापक सुशील अग्रवाल के नेतृत्व में रविवार को कारगिल शहीद पार्क में एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में टीम के सदस्यों और अन्य लोगों ने शिरकत की. कार्यक्रम में पहुंचे लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया गया. साथ ही अधिक से अधिक पेड़ लगाने की अपील भी की गई. ट्री एम्बुलेंस के 10 साल पूरे होने पर नए पेड़ भी लगाए गए. साथ ही लोगों को पौधे भी वितरित किए गए.
'ट्री एम्बुलेंस' में ये होते हैं औजार :ट्री एम्बुलेंस में पेड़ पौधों को जीवन देने वाले हर तरह के औजार और दवाइयां रखी जाती हैं. ट्री एम्बुलेंस में दांतली, पंजा, स्प्रे मशीन, पानी के डिब्बे, फावड़ा, आरी, बड़ी कैंची, खुरपी, कटर वायर, हथौड़ा आदि सामान रखे जाते हैं. पेड़ों को देने के लिए खाद भी ट्री एम्बुलेंस में रखी जाती है. ट्री एम्बुलेंस टीम 10 के संस्थापक सुशील अग्रवाल ने बताया कि प्रतिदिन पेड़ों की छंटाई की जाती है, उनमें खाद डाली जाती है. जो पेड़ झुक जाते हैं, उन्हें रस्सी से बांधकर सीधा किया जाता है. यदि किसी पेड़ में दीमक लग जाती है तो उसे भी दवाई डालकर हटाया जाता है और पेड़ को जीवनदान दिया जाता है.
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लगाए गए पौधों में 90 फीसदी जीवित :सुशील अग्रवाल ने बताया कि जब से ट्री एम्बुलेंस की शुरुआत हुई है, तब से लेकर आज तक टीम के सदस्यों ने मिलकर विद्याधर नगर क्षेत्र में 1 लाख 35 हजार पौधे लगाए हैं, जिनमें से 90 फीसदी जीवित हैं. 10 साल में आज तक टीम की ओर से कोई अवकाश नहीं लिया गया है. यदि वो बाहर भी जाते हैं तो टीम के अन्य सदस्य यह काम संभाल लेते हैं. होली हो या दीवाली, सर्दी हो या बरसात टीम की कोई छुट्टी नहीं रहती. हमारा लक्ष्य है कि हम जयपुर के विद्याधर नगर क्षेत्र को भारत का सबसे अधिक हरा भरा और साफ सुथरा क्षेत्र बनाए.
आर्थिक समस्या का करना पड़ता है सामना :उन्होंने बताया कि शुरुआत में कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ा. आज भी टीम को फाइनेंशियल रूप से समस्या का सामना करना पड़ता है. महीने का लाखों रुपए का खर्चा टीम की ओर से किया जा रहा है. पानी के टैंकर भी खुद के पैसों से मंगवा कर पेड़ पौधों में डालना पड़ता है. सरकार की ओर से इस काम में कोई मदद भी नहीं मिल रही है, लेकिन क्षेत्र को हरा-भरा बनाने के जुनून के आगे यह समस्या कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें देखकर कई अन्य लोग भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रेरित होते हैं और प्रतिदिन सुबह पेड़ पौधों की सार संभाल में अपना योगदान देते हैं.
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वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर भी टीम कर रही काम :उन्होंने बताया कि सरकार ने विद्याधर नगर क्षेत्र में 70 जगह वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया था, लेकिन अभी उनकी हालत ठीक नहीं है. इनमें सही तरीके से पानी नहीं जा पा रहा है. कुछ जगह पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की सफाई तक नहीं हुई है. ऐसे में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के चैंबर खुलवाकर उनकी सफाई करवाई जा रही है. फिर उसमें 200 फीट बोरिंग करवाकर उसमें 10 इंच का पाइप डलवा कर और रोड़ी बिछाई जाएगी ताकि बारिश का पानी सीधा 200 फीट नीचे जाकर जमीन में मिल जाए.
टीम ने 10 साल पूरे होने पर लगाए नए पेड़ (ETV Bharat Jaipur) ऐसे हुई ट्री एम्बुलेंस की शुरुआत :उन्होंने बताया कि दस साल पहले की बात है, जब वो अपने मित्र गोपाल वर्मा के साथ टहला करते थे. रास्ते में पेड़-पौधों की दयनीय स्थिति को देखते थे. कई पेड़ पौधों की छंटाई नहीं हो पाती थी, उनमें सही तरीके से पानी नहीं दिया जाता था. कुछ पेड़ों में दीमक लग जाती थी और कुछ पेड़ सूख कर खत्म हो जाते थे. उस समय विचार आया कि ऐसी ट्री एम्बुलेंस शुरू की जाए जो दयनीय स्थिति वाले पेड़ पौधों की सार संभाल कर सके. इसके बाद एक कार को ट्री एम्बुलेंस का रूप दिया गया और उसमें पेड़ पौधों की सार संभाल में काम आने वाले औजार भी रखे गए. जरूरत का अन्य सामान भी ट्री एम्बुलेंस में रखा गया.
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कचरा और मलबा मुक्त अभियान:सुशील अग्रवाल ने बताया कि पेड़ पौधों का ख्याल रखते समय विचार आया कि क्षेत्र के ग्रीन बेल्ट में पेड़ भी लगाए जाएं. इसके बाद से ही आज तक विद्याधर नगर क्षेत्र के ग्रीन बेल्ट में पेड़ पौधे भी लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा ट्री एम्बुलेंस टीम 10 की ओर से विद्याधर नगर क्षेत्र में रंग रोगन का काम भी शुरू किया गया है. दीवारों, सेक्टर गेट, ट्री गार्ड्स और सीमेंट की बैंचों पर भी कलर किया जा रहा है. फुटपाथ की मरम्मत कर उस पर भी रंग रोगन किया जा रहा है. गर्मियों में रोजाना 15 टैंकर और सर्दियों में रोजाना 8 टैंकर पानी पेड़ पौधों में दिया जाता है. विद्याधर नगर को कचरा और मलबा मुक्त करने का अभियान चलाया जाता है.
आमजन से की ये अपील :उन्होंने बताया कि ग्रीन बेल्ट से अतिक्रमण और कचरा हटाया जाता है और वहां नए पेड़ लगाए जाते हैं. प्लास्टिक की बोतलें और अन्य प्लास्टिक के सामान को एक जगह इकट्ठा किया जाता है और उन्हें कचरा इकट्ठा करने वालों को मुफ्त में दिया जाता है. छोटे पौधों में तार से बने हुए ट्री गार्ड्स भी लगाए जाते हैं ताकि उनको सुरक्षित रखा जा सके. उन्होंने आम जनता से भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपील की. उन्होंने कहा कि लोगों को अपने आसपास की जगह को साफ सुथरा रखना चाहिए. पर्यावरण संरक्षण को लेकर पेड़ पौधे लगाने चाहिए.