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Delhi: फेसलेस सेवाओं का असर: दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय 13 से घटकर 5 हुए

-दिल्ली में फेसलेस सेवाओं का सबसे ज्यादा असर ट्रांसपोर्ट विभाग में देखने को मिल रहा - ऑनलाइन माध्यम से हो रहे लोगों के काम

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दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग (File Photo)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की फेसलेस यानी ऑनलाइन सेवाओं का बड़ा असर देखने को मिल रहा है. दिल्ली के ट्रांसपोर्ट विभाग में इसका सबसे ज्यादा असर दिख रहा है. दिल्ली में लोगों के अधिकतर काम ऑनलाइन हो रहे हैं. इससे लोगों को सरकारी कार्यालयों को चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं. इसका असर ये दिख रहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों की आवश्कता कम हो गई है. दिल्ली में कुछ साल पहले ट्रांसपोर्ट विभाग के 13 क्षेत्रीय कार्यालय थे और अब पांच रह गए हैं.

ट्रांसपोर्ट विभाग की सेवाएं: साल 2021 में दिल्ली में ऑनलाइन यानी फेसलेस सेवाओं की शुरुआत हुई थी. इससे दिल्ली के लोगों को बड़ी राहत मिली. इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. वर्ष 2021 में 22 लाख आवेदनों पर फेसलेस तरीके से काम हुआ. वर्तमान में ट्रांसपोर्ट विभाग 47 सेवाएं ऑनलाइन दे रहा है. इसमें लाइसेंसिंग, रजिस्ट्रेशन आदि कार्य शामिल हैं. इससे लोग ट्रांसपोर्ट विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों पर नहीं जा रहे हैं. लोग घर बैठे काम काम करा रहे हैं. दिल्ली में कुछ साल पहले 13 क्षेत्रीय कार्यालय थे, लेकिन वर्तमान में 5 क्षेत्रीय कार्यालय हैं. जो सराय काले खां, माल रोड, राजा गार्डन, द्वारका व मयूर विहार में हैं.

फेसलेस सेवाओं की सुविधा: हालांकि ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्रीय कार्यालयों को पूरी तरह बंद नहीं किया गया है. कुछ ऑफिसों को आपस में मर्ज कर दिया गया है, जिससे एक स्थान पर सभी सेवाएं दी जा सकें. ये ऑफिस ड्राइविंग लाइसेंस और प्राइवेट गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन व अन्य कार्यों के लिए हैं. फेसलेस सेवाओं से कई सुविधाएं हैं तो कुछ चुनौतियां भी हैं. इस सुविधा से न केवल लोगों के काम को आसान हुआ है, बल्कि ट्रांसपोर्ट विभाग में भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगी है. लेकिन दूसरी तरफ लोगों को अब कई बार साइबर कैफे के चक्कर काटने पड़ते हैं. लोगों से मनमाने चार्ज लिए जा रहे हैं. ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के आवेदन के लिए 250 से 500 रुपये तक चार्ज लिया जा रहा है. इसके अतिरिक्त तकनीकी समस्याओं के कारण कई बार ऑनलाइन प्रक्रियाएं पूरी नहीं हो पाती हैं. जिससे काम होने में देरी हो जाती है.

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